छह घंटे में अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचा रूसी यान सोयूज
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छह घंटे में अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचा रूसी यान सोयूज

रूस का अंतरिक्ष यान (सोयूज) तीन अंतरिक्षयात्रियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन आईएसएस में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया। अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचने में सोयूज को छह घंटे का समय लगा है। जबकि एक मानक के तौर पर इस स्टेशन पर पहुंचने में 50 घंटे का समय लगता है।

मास्को : रूस का अंतरिक्ष यान (सोयूज) तीन अंतरिक्षयात्रियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन आईएसएस में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया। अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचने में सोयूज को छह घंटे का समय लगा है। जबकि एक मानक के तौर पर इस स्टेशन पर पहुंचने में 50 घंटे का समय लगता है।
इस यान में सवार तीन यात्रियों के वहां पहुंचने से इस घूमती हुई प्रयोगशाला में मौजूद लोगों की संख्या छह हो गई।
अमेरिका के क्रिस कैसीडी और रूस के पावेल विनोग्रादोव व अलेक्जेंडर मिसुरकिन ने प्रशांत महासागर के ऊपर, इस अंतरिक्ष स्टेशन के साथ अंतरराष्ट्रीय समय के अनुसार 4.35 पर संपर्क जुड़ने से पहले इस अंतरिक्ष यान में छह घंटे तक यात्रा की थी।
वर्ष 1997 और 2006 में अंतरिक्ष में रह चुके 59 वर्षीय विनोग्रादोव को नासा टीवी पर कहते सुना गया, ‘यह बहुत खूबसूरत नजारा है। अपनी आंखों पर यकीन करना मुश्किल है।’ यह नया चालक दल पृथ्वी पर लौटने से पहले अंतरिक्ष में पांच महीने बिताएगा।
अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष स्टेशन के बीच के दबाव को एक समान स्तर पर आने में दो घंटे का समय लगा। सुरक्षित प्रवेश के लिए यह जरूरी होता है।
स्टेशन में हवा में तैरकर दाखिल होते समय विनोग्रादोव ने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘अरे, कोई घर में है?’ क्रिस कैसीडी, विनोग्रादोव और मिसुरकिन का स्वागत स्टेशन पर पहले से मौजूद अमेरिकी टॉम मैशबर्न, रूसी रोमन रोमेनेंको और कनाडियाई क्रिस हैडफील्ड ने खुशी से चिल्लाते हुए और गले लगाकर किया। ये लोग बीते दिसंबर से इस स्टेशन पर मौजूद हैं।
इसके बाद इन अंतरिक्ष यात्रियों ने मास्को से बाहर स्थित मिशन कंट्रोल के साथ एक संक्षिप्त सत्र भाग लिया। इसमें उन्होंने अपने दोस्तों और संबंधियों से बातचीत की। अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा पर आए 35 वर्षीय मिसुरकिन की मां ने भावुक होकर उन्हें कहा,‘तुम वाकई एक सितारे हो। मुझे तुम पर गर्व है।’
इन अंतरिक्षयात्रियों का यह अभियान कजाकिस्तान में रूस के बैकोनुर प्रक्षेपण पैड से देर रात किए गए प्रक्षेपण के साथ ही शुरू हो गया। ऐसा पहली बार है जब अंतरिक्ष यात्रियों के किसी दल ने अंतरिक्ष की किसी प्रयोगशाला में जाने के लिए कोई सीधा मार्ग पकड़ा है।
कैसीडी, विनोग्रादोव व मिसुरकिन ऐसे पहले दल के सदस्य हैं जो सिर्फ चार परिक्रमाओं के बाद ही अंतरिक्ष स्टेशन पहुंच गए हैं। जबकि एक मानक के तौर पर इस स्टेशन पर पहुंचने में 50 घंटे का समय लगता है।
इस नए कौशल का परीक्षण तीन रूसी मालवाहक जहाजों और सोयूज के मानवरहित यानों के साथ सफलतापूर्वक किया गया था। इनका प्रयोग अंतरिक्ष स्टेशन पर आपूर्ति सामान भेजने के लिए किया जाता है।
प्रक्षेपण से पहले हुए संवाददाता सम्मेलन में विनोग्रादोव ने कहा था कि उड़ान के लिए यह छोटे मार्ग चालक दल की थकान कम होगी और वे स्टेशन में प्रवेश करने के लिए ऊर्जा से भरपूर रह सकेंगे। (एजेंसी)

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