जीएसएलवी का परीक्षण दिसंबर में होने की उम्‍मीद: इसरो
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जीएसएलवी का परीक्षण दिसंबर में होने की उम्‍मीद: इसरो

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को कहा कि स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ जीएसएलवी का उड़ान परीक्षण अब दिसंबर में होने की संभावना है। 10 दिन पहले राकेट के दूसरे हिस्से में रिसाव के बाद यह परीक्षण स्थगित कर दिया गया था।

बेंगलुरु : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को कहा कि स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ जीएसएलवी का उड़ान परीक्षण अब दिसंबर में होने की संभावना है। 10 दिन पहले राकेट के दूसरे हिस्से में रिसाव के बाद यह परीक्षण स्थगित कर दिया गया था।
रिसाव के कारण का पता लगाने के लिए दूसरे हिस्से को तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित अंतरिक्ष एजेंसी लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर भेजा जाएगा। जीएसएलवीडी 5 का 19 अगस्त को श्रीहरिकोटा से अपराह्न 16 बजकर 50 मिनट पर प्रक्षेपण किया जाना था। लेकिन यूएच 25 ईधन प्रणाली में रिसाव का पता लगने के बाद निर्धारित समय से सिर्फ दो घंटा पहले प्रक्षेपण स्थगित कर दिया गया था।

इसरो के एक अधिकारी ने आज यहां बताया कि जीएसएलवी के पहले और तीसरे हिस्से को सुरक्षित रखा जाएगा जबकि दूसरा हिस्सा फिर से तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि हम उम्मीद कर सकते हैं कि जीएसएलवी का उड़ान परीक्षण दिसंबर में होगा। इसरो अगले दो महीनों के दौरान मंगल मिशन में व्यस्त रहेगा।
दूसरे हिस्से में पुराने उपकरण का इस्तेमाल करने के लिए इसरो आलोचना का सामना कर रहा है क्योंकि इस प्रकार की सामग्री में दरार आने की आशंका थी। कहा गया है कि इस उपकरण की आपूर्ति इसरो को चार साल पहले की गई थी। एक वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने इसरो के इस फैसले को गलत बताया। (एजेंसी)

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