लंबी याददाश्त की वजह का पता चला !

भारतीय मूल के एक अनुसंधानकर्ता के नेतृत्व में एक टीम ने इस बात का पता लगा लेने का दावा किया है कि मस्तिष्क में दीर्घकालीन स्मृति किस तरह बनी रहती है ।

वाशिंगटन : भारतीय मूल के एक अनुसंधानकर्ता के नेतृत्व में एक टीम ने इस बात का पता लगा लेने का दावा किया है कि मस्तिष्क में दीर्घकालीन स्मृति किस तरह बनी रहती है । इससे अल्जाइमर जैसी बीमारियों को अच्छी तरह से समझने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

 

यह ज्ञात तथ्य है कि हमारे दिमाग में स्मृतियां सिनैप्सेज कहलाने वाले न्यूरॉन्स के बीच के जुड़ाव की वजह से बनी रहती हैं।

 

अब अमिताभ मजूमदार और स्टोवर्स इंस्टीट्यूट्स फॉर मेडिकल रिसर्च के उनके सहकर्मियों ने फ्रूट फ्लाइज पर किए एक अनुसंधान में पता लगाया है कि ये सिनैप्सेज किस तरह मजबूत बने रहते हैं और स्मृतियों को दशकों तक बनाए रखने में मदद करते हैं।

 

उनके द्वारा किए गए अनुसंधान से पता चला है कि यह सिनैप्सेज प्रोटीन के मजबूत रस्व नकल समूह स्मृति को दीर्घकाल तक बनाए रखने में मदद करते हैं । अनुसंधान के परिणाम सेल पत्रिका के नवीनतम संस्करण में प्रकाशित हुए हैं। (एजेंसी)

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