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मुंबई : दुनियाभर के खगोलशात्रियों को अगले सप्ताह का इंतजार है। कारण है कि 2.17 लाख किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से अंतरिक्ष में विचर रहे उल्कापिंड सोमवार को पृथ्वी के बाहरी वायुमंडल से होकर गुजरेंगे। शनिवार को एक वैज्ञानिक ने यह जानकारी दी।
आकाश गंगा सेंटर फॉर एस्ट्रॉनॉमी (एजीसीए) के प्रमुख वैज्ञानिक भरत अडूर ने बताया कि परसीड फायरबॉल के कहे जाने वाले ये उल्कापिंड असल में धूमकेतू के मलबे हैं। इन उल्कापिंडों को 12-13 अगस्त की रात वायुमंडल से गुजरते देखा जा सकता है।
अडूर ने बताया, `शुरुआत में उल्कापिंडों की संख्या कम होगी क्योंकि पृथ्वी धूमकेतू के बिखरे मलबों की धारा में प्रवेश कर रही होगी। बाद में, अगस्त के दूसरे सप्ताह तक इनकी संख्या बढ़कर 100 उल्कापिंड प्रति घंटे तक हो सकती है।`
उल्कापिंडों के पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरने की गतिविधि को 12 और 13 अगस्त को देखा जा सकता है। देखने मे यह बृहस्पति और शुक्र ग्रह की तरह चमकीले गोले के रूप में नजर आएंगे। (एजेंसी)