हिंसा भी भड़काता है जलवायु परिवर्तन: वैज्ञानिक

एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि जलवायु परिवर्तन से होने वाले तापमान में वृद्धि से हिंसा और विवाद को भी बल मिलता है। अध्ययन के दावे के मुताबिक इस आशय की भविष्यवाणी के वैज्ञानिक आधार मौजूद हैं।

लास एंजिल्स: एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि जलवायु परिवर्तन से होने वाले तापमान में वृद्धि से हिंसा और विवाद को भी बल मिलता है। अध्ययन के दावे के मुताबिक इस आशय की भविष्यवाणी के वैज्ञानिक आधार मौजूद हैं। प्रिंसटन विश्वविद्यालय और कैलिफोनिर्या-बर्कले विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं की साइंस जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि संपूर्ण मानवीय इतिहास में तापमान में मामूली सा उतार-चढ़ाव ने भी व्यक्तिगत हिंसा और सामाजिक विप्लव के खतरे को बढ़ाया है।
साइंस डेली के मुताबिक, धरती का तापमान 2050 तक 2 डिग्री सेल्सियस बढ़ने की आशंका को उजागर करते हुए लेखकों ने इसके परिणामस्वरूप और मानवीय संघर्ष होने का अनुमान जाहिर किया है। अनुसंधानकर्ताओं ने पुरातत्व, अपराधशास्त्र, अर्थशास्त्र और मनोविज्ञान सहित असंख्य सिद्धांतों से 60 अध्ययनों का विश्लेषण किया जिससे ईसा पूर्व काल से अब तक दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हिंसा और मौसम के बीच संबंध का पता चला। (एजेंसी)

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