…तो एलियन होते भी हैं या नहीं?

ब्रिटेन में अज्ञात हवाई वस्तुओं (अनआईडेंटिफाईड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स या यूएफओ) के समर्थकों ने ‘उड़न वस्तुओं’ की संख्या में आती कमी और परग्रही जीवन के बारे में सबूतों के अभाव की वजह से यह मान लिया है कि शायद एलियनों (दूसरे ग्रहों के निवासी) जैसी कोई चीज होती ही न हो।

लंदन : ब्रिटेन में अज्ञात हवाई वस्तुओं (अनआईडेंटिफाईड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स या यूएफओ) के समर्थकों ने ‘उड़न वस्तुओं’ की संख्या में आती कमी और परग्रही जीवन के बारे में सबूतों के अभाव की वजह से यह मान लिया है कि शायद एलियनों (दूसरे ग्रहों के निवासी) जैसी कोई चीज होती ही न हो।
टेलीग्राफ की खबर के अनुसार, उड़नवस्तु समर्थकों ने माना कि वे उड़ने वाली इन अज्ञात वस्तुओं के बारे में कोई सबूत मुहैया कराने में असफल रहे हैं और उड़न तश्तरियों के दिखने में आई कमी से मालूम पड़ता है कि एलियन कुछ होता ही नहीं है और इसका मतलब यह है कि यूफोलॉजी (अज्ञात उड़न वस्तुओं का अध्ययन) का अंत अगले दशक में हो सकता है।
इन उड़न तश्तरियों व अन्य उड़न वस्तुओं में रुचि लेने वाले दर्जनों समूह रुचि के अभाव में पहले ही बंद हो चुके हैं। इन वस्तुओं के शोध से जुड़ी ब्रिटेन की एक अग्रणी संस्था अगले सप्ताह यह चर्चा करने के लिए एक बैठक का आयोजन कर रही है कि इस विषय का आगे कोई भविष्य है भी या नहीं।
एसोसिएशन फॉर द साइंटिफिक स्टडी ऑफ एनोमेलस फिनोमिना (एस्सैप) के अध्यक्ष डेव वुड ने कहा कि यह बैठक इस विषय पर आए संकट और इसके संभावित भविष्य के बारे में चर्चा के लिए बुलाई गई है।
उन्होंने अखबार से कहा, ‘संभव है कि अगले दस सालों में इस विषय का कोई अस्तित्व ही न रहे।’ एस्सैप के पास अज्ञात उड़न वस्तुओं से जुड़े मामलों की संख्या में 1988 के बाद से 96 प्रतिशत की कमी आई है जबकि इन शोधों में लगे समूहों की संख्या 1990 के दौरान 100 से ज्यादा थी और अब गिरकर यह लगभग 30 ही रह गई है।
इस पूरे मसले पर वोरकेस्टर विश्वविद्यालय में एक बैठक में चर्चा की जाएगी और इसके निष्कषरें को एसोसिएशन की पत्रिका ‘एनोमली’ के अगले अंक में प्रकाशित किया जाएगा। (एजेंसी)

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