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इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने स्विटजरलैंड के प्राधिकारियों को भेजे जाने वाले पत्र के तीसरे मसौदे को बुधवार को मंजूरी दे दी। इसमें स्विस प्राधिकारियों से राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने को कहा गया है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि स्विटजरलैंड में होने वाली कोई भी कार्यवाही राष्ट्रपति को मिली छूट की शर्त के मुताबिक होगी। विधि मंत्री फारूक नाइक ने न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय पीठ को पत्र का मसौदा सौंपा। पीठ ने बंद कमरे में इसकी जांच करने के बाद इसे मंजूरी दे दी।
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सरकार ने यह तीसरा मसौदा पेश किया है। इससे पहले पेश किए गए, पत्र के दो मसौदों पर पीठ ने आपत्ति जताई थी। इस तीसरे मसौदे में स्पष्ट कहा गया है कि स्विटजरलैंड में होने वाली कोई भी कार्यवाही राष्ट्रपति को संविधान के तहत मिली छूट की शर्तों और पाकिस्तानी तथा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक होगी।
वर्ष 2007 में तत्कालीन अटॉर्नी जनरल मलिक कयूम ने स्विस प्राधिकारियों को जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले बंद करने के लिए कहा था। इसका संदर्भ देते हुए नवीनतम मसौदे में कहा गया है कि दस्तावेज को रद्द किया गया और कभी नहीं लिखा गया समझा जाना चाहिए। (एजेंसी)