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वाशिंगटन : पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी महत्वपूर्ण नाटो शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शिकागो पहुंच गए हैं। इस बैठक में अफगानिस्तान के भविष्य के संबंध में महत्वपूर्ण फैसला किए जाने की उम्मीद है। जरदारी के साथ विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार और विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी के अलावा राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर भी आए हैं। जरदारी के देर से पहुंचने के कारण उनकी नाटो महासचिव एंडर्स फोग रासमूसन के साथ कल निर्धारित बैठक नहीं हो सकी। अब बैठक का कार्यक्रम फिर से निर्धारित किया जा रहा है।
अगले कुछ दिनों में जरदारी की दुनिया के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक का कार्यक्रम है। इनमें अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई और आस्ट्रेलिया तथा तुर्की के नेता भी शामिल हैं। ये नेता नाटो के शिकागो शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जुटे हैं। जरदारी के शिकागो प्रवास के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के उनसे मुलाकात करने का कार्यक्रम है। जरदारी के सोमवार को नाटो के विस्तारित सत्र को संबोधित करने का कार्यक्रम है। इस बैठक में अफगानिस्तान पर ध्यान केंद्रित रहेगा।
अब तक अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और जरदारी के बीच द्विपक्षीय बैठक का कार्यक्रम निर्धारित नहीं है। ओबामा जी-8 नेताओं की बैठक की मेजबानी करने के बाद कल शाम केंप डेविड से शिकागो के लिए रवाना हुए। पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि अपनी बैठकों और संबोधन के दौरान जरदारी अफगानिस्तान और क्षेत्र के बारे में पाकिस्तान का दृष्टिकोण रखेंगे।
इससे पहले दिन में नाटो प्रमुख रासमूसन ने शिकागो के श्रोताओं से कहा कि अफगानिस्तान की समस्या का समाधान पाकिस्तान को सकारात्मक रूप में शामिल किये बिना नहीं किया जा सकता। जरदारी के साथ बैठक में रासमूसन ने कहा, ‘वह कई स्पष्ट संदेश प्रेषित करेंगे।’ उन्होंने उसके बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी। उन्होंने पाकिस्तान में सुरक्षित पनाहगाह के बारे में भी बोला। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं का समाधान करने की आवश्यकता है। (एजेंसी)