प्रमुख मुद्दों को सुलझाने के लिए विश्वास बहाली जरूरी : हिना

पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि भारत के साथ जम्मू एवं कश्मीर सहित मुख्य मुद्दों को सुलझाने के लिए विश्वास निर्माण और गत छह दशक के विद्वेषपूर्ण माहौल को पलटना महत्वपूर्ण है तथा व्यापार को सामान्य बनाना उस दिशा में एक कदम है।

वाशिंगटन : पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि भारत के साथ जम्मू एवं कश्मीर सहित मुख्य मुद्दों को सुलझाने के लिए विश्वास निर्माण और गत छह दशक के विद्वेषपूर्ण माहौल को पलटना महत्वपूर्ण है तथा व्यापार को सामान्य बनाना उस दिशा में एक कदम है।
हिना ने यहां स्थित प्रमुख अमेरिकी थिंक टैंक ‘काउंसिल आफ फॉरेन रिलेशंस’ में अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान की असैन्य सरकार गत चार वर्षों से ‘एकनिष्ठा’ से यही करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, एक बात स्पष्ट है कि जब तक हम अपने पड़ोसियों के साथ सीमा पर शांति नहीं स्थापित करते, तब तक हम अपने देश में शांति कायम नहीं कर सकते। इसलिए उस पड़ोसी के साथ दृष्टिकोण की मानसिकता में परिवर्तन करने की आवश्यकता है जिसके साथ विशेष रूप से हमारे विद्वेषपूर्ण संबंध थे।

उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच गत 65 वर्षों में विद्वेषपूर्ण महौल रहा है और कश्मीर, सियाचिन और सरक्रीक जैसे प्रमुख मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रयास की शुरुआत उस मानसिकता में बदलाव के साथ होनी चाहिए।
हिना ने जम्मू कश्मीर को गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि सियाचिन, सरक्रीक भी गंभीर विषय हैं। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को सुलझाने के लिए रास्ता क्या है? उन्होंने सवाल किया कि क्या यह युद्ध के जरिए संभव है?
उन्होंने कहा कि क्या अगली पीढ़ी के मस्तिष्क में भी वैसी ही धारणा भरने से यह संभव होगा जैसा हमने पूर्व की पीढ़ियों के साथ किया। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि इसका उत्तर बहुत सरल और स्पष्ट है, नहीं। हिना ने कहा कि इन मुद्दों को सुलझाने को सबसे अच्छा तरीका आपस में विश्वास पैदा करना और मानसिकता में परिवर्तन है। उन्होंने कहा कि इतना विश्वास पैदा किया जाना चाहिए जिससे हम बैठकर, इन मुद्दों पर बात करके इसका दीर्घकालिक हल निकाल सकें।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने गत चार वर्षों में एकाग्रता के साथ भारत के साथ संबंध सुधारने की दिशा में काम किया और साथ ही 40 वर्ष पुरानी व्यापार नीति को बदला है। उन्होंने कहा कि भारत को व्यापार के क्षेत्र सबसे तरजीही देश का दर्जा देना एक महत्पपूर्ण संदेश था।
हिना ने कहा, मैं दीर्घकालिक हल निकाले जाने के महत्व को कम करके नहीं आंकती क्योंकि जब तक हम भारत के साथ इन मुद्दों का दीर्घकालिक हल नहीं निकालते हम निरस्त्रीकरण की ओर नहीं बढ़ पाएंगे। उन्होंने कहा, यह सरकार यह संदेश भेजने में सफल रही थी कि हम भारत के साथ व्यापार को सामान्य बनाएंगे। हम भारत के साथ व्यापार इसलिए सामान्य बनाएंगे क्योंकि यह आर्थिक एकीकरण और एक दूसरे देश में निवेश का माहौल बनाने में महत्वपूर्ण है।
हिना ने कहा, इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि एक दूसरे के भविष्य में सहभागिता के लिए प्रयास हम करें क्योंकि हमें चीजों को अलग नजरिए से नहीं बल्कि क्षेत्रीय नजरिए से देखना शुरू करना होगा। (एजेंसी)

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