भारतीय बच्चों को नहीं सौंपेगा नार्वे
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भारतीय बच्चों को नहीं सौंपेगा नार्वे

अपने बच्चों के संरक्षण के लिए लड़ाई लड़ रहे भारतीय दंपति को झटका लगा है क्योंकि नार्वे की बाल कल्याण सेवा ने यह कहकर बच्चों को भारत वापस भेजने से मना कर दिया है कि उनके माता पिता के बीच मतभेदों के चलते वहां वे एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति’ में फंस सकते हैं।

ओस्लो : अपने बच्चों के संरक्षण के लिए लड़ाई लड़ रहे भारतीय दंपति को झटका लगा है क्योंकि नार्वे की बाल कल्याण सेवा ने यह कहकर बच्चों को भारत वापस भेजने से मना कर दिया है कि उनके माता पिता के बीच मतभेदों के चलते वहां वे एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति’ में फंस सकते हैं। नार्वे की बाल कल्याण सेवा (सीडब्ल्यूएस) ने एक बयान में कहा कि दो भारतीय बच्चों वाले बाल कल्याण मामले में नए घटनाक्रमों ने स्टावेंजर जिला अदालत में होने वाली सुनवाई को असंभव बना दिया है जो 23 मार्च शुक्रवार को निर्धारित थी।

 

तीन वर्षीय अभिज्ञान और एक वर्षीय ऐश्वर्या पिछले साल मई से नार्वे के एक लालन पालन केंद्र में हैं। उनके माता-पिता अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य के बीच मतभेदों की खबर के बाद बाल कल्याण सेवा का बयान आया है। नार्वे के अधिकारियों का मानना है कि इस समय माता-पिता के बीच मतभेदों के चलते बच्चों को भारत भेजना उनके सर्वश्रेष्ठ हित में नहीं होगा। सीडब्ल्यूएस के प्रमुख गुनार टोरेसीन ने कहा कि जहां तक समझौते की बात है तो पिछले कुछ दिनों में बच्चों के माता-पिता और चाचा (जिसके हवाले बच्चे किए जाने थे) समझौते पर कई बार अपनी स्थिति बदल चुके हैं जिस पर सहमति बन चुकी थी। इससे बाल कल्याण सेवा के मन में उनके इरादों को लेकर संदेह पैदा हो गया है।

 

उन्होंने कहा कि अधिकारी परिवार में संघर्ष के बारे में अवगत हैं जो मामले को प्रभावित कर सकता है। सीडब्ल्यूएस के बयान में कहा गया कि स्टावेंजर निकाय वकील, निजी पक्षों और स्टावेंजर जिला अदालत के साथ बातचीत कर इस मामले में उठाए जाने वाले अगले कदमों को स्पष्ट किए जाने की मांग करेगा क्योंकि नए घटनाक्रमों ने कल होने वाली सुनवाई को असंभव कर दिया है।

(एजेंसी)

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