मिस्र: सेना और मुर्सी समर्थकों में संघर्ष, 54 की मौत

सैन्य मुख्यालय के बाहर देश के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों और सैनिकों के बीच भीषण संघर्ष में 54 लोगों की मौत के बाद मिस्र के अंतरिम राष्ट्रपति ने अगले साल की शुरूआत में फिर से चुनाव कराने का वचन दिया है ।

काहिरा : सैन्य मुख्यालय के बाहर देश के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों और सैनिकों के बीच भीषण संघर्ष में 54 लोगों की मौत के बाद मिस्र के अंतरिम राष्ट्रपति ने अगले साल की शुरूआत में फिर से चुनाव कराने का वचन दिया है । सरकारी मीडिया के मुताबिक मिस्र के अंतरिम राष्ट्रपति अदली मंसूर ने कल एक संवैधानिक घोषणा जारी की, जिसमें उन्होंने खुद को कानून बनाने की सीमित शक्तियां दीं तथा संसदीय और राष्ट्रपति चुनाव के लिये एक समय सारणी की रूपरेखा पेश की। मंसूर की यह अपेक्षित घोषणा मौजूदा संक्रमण काल के अंत तक प्रभावी रहेगा।
संक्रमण काल कल रात को हुई संवैधानिक घोषणा के बाद से शुरू हो गया और राष्ट्रपति चुनाव के बाद समाप्त होगा। आदेश में कहा गया है कि संसदीय चुनाव संक्रमणकाल के दौरान होगे और राष्ट्रपति चुनाव से पहले होंगे। इसका अर्थ है कि फरवरी महीने की शुरूआत में यह चुनाव हो सकता है। अंतरिम राष्ट्रपति का यह कदम स्पष्ट रूप से विद्रोह के समर्थकों से अपील के लिये था लेकिन शायद ही यह मुर्सी समर्थकों को रास आये।
पूर्व राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक द्वारा 2011 में सत्ता छोड़ने के बाद काहिरा में कल का दिन सबसे खून खराबे वाला था, जब विद्रोहियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष में 54 व्यक्तियों की मौत हुई और 435 अन्य घायल हुए।
यह संघर्ष रिपब्लिकन गार्ड के मुख्यालय के बाहर हुआ था जहां माना जा रहा है कि 61 वर्षीय अपदस्थ राष्ट्रपति मुर्सी ‘निगरानी’ में रखे गये हैं । मुर्सी को हटाने के लिये सेना का समर्थन करने वाली परंपरावादी इस्लामी पार्टी अल नूर ने ‘नरसंहार’ के विरोध में कहा है कि वह नयी सरकार बनाने के लिये हो रही बातचीत से खुद को अलग कर रही है।
अहराम ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक कल रात से प्रभावी हुई घोषणा में 33 अनुच्छेद हैं। यह घोषणा निलंबित संविधान की जगह लेगा। अस्थायी चार्टर के मुताबिक राष्ट्रपति, कैबिनेट के साथ विधायी अधिकार रखते हैं जिसकी एक अनिवार्य सलाहकारी भूमिका होगी। विधायी अधिकार संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा को स्थानांतरित किया जायेगा जिसे अभी चुना जाना बाकी है। घोषणा के अनुसार राष्ट्रपति राज्य नीति और बजट को स्वीकृत करने के हकदार होगे। मुस्लिम ब्रदरहुड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस घोषणा की निंदा की है। (एजेंसी)

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