यूएस-पाक रिश्तों में सबसे बड़ा खतरा है हक्कानी नेटवर्क

अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध इस समय बेहद नाजुक बने हुए हैं और हक्कानी नेटवर्क इन दोनों देशों के संबंधों के लिए सर्वाधिक बड़ा खतरा बनकर उभरा है।

न्यूयार्क : अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध इस समय बेहद नाजुक बने हुए हैं और हक्कानी नेटवर्क इन दोनों देशों के संबंधों के लिए सर्वाधिक बड़ा खतरा बनकर उभरा है। अमेरिकी मीडिया रिपोटरे में इसके साथ ही कहा गया है कि अमेरिकी अधिकारी मानते हैं कि इस आतंकवादी संगठन के पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ संबंध लगातार बने हुए हैं और दोनों के बीच संबंध केवल बातचीत से कहीं अधिक हैं।
ओबामा प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका का मानना है कि हक्कानी नेटवर्क के पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ संबंध लगातार बने हुए हैं । न्यूयार्क टाइम्स में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है ।
अमेरिकी और पश्चिमी अधिकारियों ने खुफिया रिपोटरे का हवाला देते हुए लिखा है कि आईएसआई और हक्कानी नेटवर्क महज बातें भर नहीं करते हैं । न्यूयार्क टाइम्स ने लिखा है कि पाक खुफिया एजेंसी हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान में वैध तरीके से अपनी गतिविधियों को संचालित करने, उसके सदस्यों के खाड़ी देशों में आने जाने और लगातार धन उपलब्ध कराने में मदद करती है । वरिष्ठ हक्कानी नेताओं के पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में अपने घर तक हैं जहां उनके रिश्तेदार आराम से रहते हैं ।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आयी है जब अमेरिका पहले ही अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस बुलाने की तैयारी कर चुका है । पाकिस्तान की सीमा के साथ लगते कैंप सेलरेनो में एक जून को हुए हमले ने इस बात को पुख्ता कर दिया है कि यह संगठन नाजुक पाक-अमेरिका संबंधों के लिए बहुत बड़ा खतरा है ।
दैनिक ने लिखा है कि अमेरिकियों को निशाना बनाने में हक्कानी नेटवर्क ने जो दुस्साहस दिखाया है और जिस प्रकार इसके साथ ही राजनीतिक तनाव पनप रहा है उससे दोनों देशों के बीच किसी प्रकार के शक की कोई गुंजाइश ही नहीं है । एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, ओबामा प्रशासन के भीतर एक जो आम विचार है , वह यह कि पाकिस्तान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई करने में अमेरिका अब अधिक दूर नहीं है । यह राजनयिक रूप से भी हो सकता है या संभवत: सैन्य रूप से ।
उन्होंने कहा, यदि 50 अमेरिकी सैनिकों को हक्कानी नेटवर्क मौत के घाट उतार देता है या वे काबुल में अमेरिकी दूतावास में घुसकर कई राजनयिकों को मार डालते हैं तो इससे पूरा खेल ही बदल जाएगा।
गौरतलब है कि दोनों देश इस समय कई महीनों की बातचीत के बाद अपने संबंधों को दुरूस्त करने में लगे हैं । इसी के तहत पाकिस्तान होते हुए अफगानिस्तान को जाने वाले नाटो आपूर्ति मार्ग को खोला गया है ।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जहीर उल इस्लाम के सीआईए से वार्ता के लिए वाशिंगटन आने का कार्यक्रम है ।
एक वरिष्ठ आईएसआई अधिकारी ने कहा कि आईएसआई ने स्वीकार किया है कि वह हक्कानी नेटवर्क के साथ लगातार संपर्क में है लेकिन एजेंसी ने उसे साजो सामान के रूप में समर्थन मुहैया कराए जाने से इनकार किया है ।
उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा, क्या सीआईए उन लोगों के संपर्क में नहीं है जिनके लिए वह लड़ रही है । उन्होंने कहा, खुफिया मामलों में आपको यह पता लगाने के लिए भीतर तक जाना होता है कि दूसरा पक्ष क्या कर रहा है । (एजेंसी)

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