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वाशिंगटन : ओसामा बिन लादेन को शरण देने में हाथ होने के संदेह से घिरी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उल्टे दावा किया है कि इस आतंकवादी सरगना के ठिकाने को ढूढ़ने में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की मदद करने का श्रेय उसे जाता है।
आईएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने वाशिंगटन पोस्ट से कहा, ‘दरअसल लीड और सूचना अमेरिका से आई थी।’ लेकिन अधिकारी ने दावा किया कि यह आईएसआई ही थी जिसने सीआईए को वह सेलफोन नंबर दिया जिससे अलकायदा कोरियर तक पहुंचा जा सका। इसी कोरियर के माध्यम से ओसामा के ठिकाने का पता चला था। अधिकारी ने कहा, ‘दुनिया में कहीं भी अलकायदा पर कोई भी हमला हुआ तो वह हमारी मदद से। उन्हें मालूम था कि यह किसका नंबर है।’
उन्होंने कहा कि उन्होंने बहुत करीब से सीआईए के साथ काम किया और उन्हें हजारों संदिग्ध नंबर दिए लेकिन उसके बाद ‘हमारे साथ उनका सहयोग खत्म हो गया।’ अधिकारी ने अफसोस से कहा, ‘यह बहुत ही ज्यादा अविश्वास एवं विश्वासघात की कहानी है।’ लेकिन अखबार ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने आईएसआई
की इस व्याख्या का खंडन किया है।
अखबार के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा, ‘तथ्य यह है कि हमें उनसे फोन नंबर नहीं मिला।’ अखबार ने कहा कि कई पाकिस्तानी नेताओं ने 2 मई की कार्रवाई को पाकिस्तान की संप्रभुता पर हमला और अमेरिकी दंभ का उदाहरण बताया। बिन लादेन को ढूढ़ने में मदद करने वाले पाकिस्तानी डॉक्टर राजद्रोह के आरोप में हिरासत में हैं और उसके सहयोगियों को काम करने से वंचित कर दिया गया है। (एजेंसी)