`लीबिया में गद्दाफी की मौत के बाद नरसंहार`
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`लीबिया में गद्दाफी की मौत के बाद नरसंहार`

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने लीबिया में विद्रोहियों के हाथों पूर्व तानाशाह कर्नल मुअम्मार गद्दाफी के मारे जाने के बाद मानवाधिकार की स्थिति पर सवाल उठाते हुए अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि गद्दाफी की मौत के बाद विद्रोहियों ने अपने कब्जे में लिए हुए बहुत से गद्दाफी समर्थकों को मार डाला।

त्रिपोली : अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने लीबिया में विद्रोहियों के हाथों पूर्व तानाशाह कर्नल मुअम्मार गद्दाफी के मारे जाने के बाद मानवाधिकार की स्थिति पर सवाल उठाते हुए अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि गद्दाफी की मौत के बाद विद्रोहियों ने अपने कब्जे में लिए हुए बहुत से गद्दाफी समर्थकों को मार डाला। `
ह्यूमन राइट्स वाच ने बुधवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसे इस बात के सबूत मिले हैं कि 20 अक्टूबर, 2011 को गद्दाफी को मारने के बाद मिसराता में विद्रोहियों ने गद्दाफी समर्थकों को बंधक बना लिया, उनके हथियार छीनकर उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित किया और कई को मार डाला। ह्यूमन राइट्स वाच के आपातकालीन निदेशक पीटर बाउकेयर्ट ने बुधवार को कहा कि सबूतों से मालूम होता है कि सिरते में विद्रोहियों ने गद्दाफी समर्थक करीब 66 लोगों को मार डाला। ऐसा लगता है कि वे लड़ाई में घायल हुए गद्दाफी के बेटे मुतासिम गद्दाफी को भी मिसराता ले गए और वहां मार डाला।
उन्होंने कहा कि सबूत लीबिया में विद्रोहियों की मौजूदा सरकार के इस दावे पर भी सवाल उठाते हैं कि मुअम्मार गद्दाफी दोनों ओर से हुई गोलीबारी में मारे गए, न कि बंधक बनाए जाने के बाद। ह्यूमन राइट्स वाच ने गवाहों तथा मोबाइल फोन से लिए गए फोटो व वीडियो के आधार पर तैयार 50 पृष्ठों की अपनी रिपोर्ट में गद्दाफी के जीवन के अंतिम समय व परिस्थितियों के बारे में विस्तार से बताया है। ह्यूमन राइट्स वाच की रिपोर्ट इस तरह की खबरों के कई सप्ताह बाद आई है कि फ्रांसीसी खुफिया सेवा के एक एजेंट ने फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी के आदेश पर गद्दाफी को मार डाला था। (एजेंसी)

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