अधूरी रह गई मेहदी की भारत आने की ख्वाहिश
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अधूरी रह गई मेहदी की भारत आने की ख्वाहिश

हिंदुस्तान की सरजमीं पर जन्में गजल सम्राट मेहदी हसन की ख्वाहिश आखिरी सांस लेने से पहले अपनी जन्मभूमि के दीदार की थी जो अधूरी ही रह गई। गंभीर बीमारी से जूझ रहे हसन का जन्म 1927 में राजस्थान के लूना में हुआ था। उन्होंने आखिरी बार भारत में 2000 में कार्यक्रम पेश किया था और 2005 में इलाज के लिये दिल्ली आए थे।

नई दिल्ली : हिंदुस्तान की सरजमीं पर जन्में गजल सम्राट मेहदी हसन की ख्वाहिश आखिरी सांस लेने से पहले अपनी जन्मभूमि के दीदार की थी जो अधूरी ही रह गई। गंभीर बीमारी से जूझ रहे हसन का जन्म 1927 में राजस्थान के लूना में हुआ था। उन्होंने आखिरी बार भारत में 2000 में कार्यक्रम पेश किया था और 2005 में इलाज के लिये दिल्ली आए थे।
हसन ने 2010 में भारत आकर लता मंगेशकर, दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन से मिलने की इच्छा जताई थी लेकिन डाक्टरों ने उनकी हालत देखकर यात्रा से मना कर दिया था। इसके बाद इलाज के लिये इस साल उन्हें भारत लाने की कवायद शुरू हुई। अप्रैल 2012 में उनके बेटे आरिफ को हसन समेत चार लोगों के हिन्दुस्तान आने का वीजा भी मिल गया लेकिन दो चिकित्सा सहयोगियों के वीजा का इंतजार था।
आरिफ ने बताया था कि दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में उनका इलाज कराया जाना है और राजस्थान सरकार ने पूरा खर्च उठाने का वादा भी किया था। राजस्थान सरकार ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर वीजा की प्रक्रिया जल्दी पूरी कराने का अनुरोध भी किया था। लेकिन किस्मत में कुछ और ही लिखा था। एक बार फिर उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्हें कराची के आगा खान अस्पताल के आईसीयू में दाखिल करना पड़ा। वहीं, उन्होंने आज आखिरी सांस ली और मादरे वतन के दीदार की ख्वाहिश दिल में लिए दुनिया से रुखसत हो गए। (एजेंसी)

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