अन्ना की `हां` के बाद ही बनेगी पार्टी : सिसोदिया
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अन्ना की `हां` के बाद ही बनेगी पार्टी : सिसोदिया

भंग टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य मनीष सिसोदिया ने कहा है कि राजनीतिक विकल्प तैयार करने के लिए यदि अन्ना तैयार नहीं हुए तो टीम द्वारा कोई राजनैतिक पार्टी नहीं बनाई जाएगी।

भोपाल : भंग टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य मनीष सिसोदिया ने आज यहां कहा कि राजनीतिक विकल्प तैयार करने के लिए यदि अन्ना तैयार नहीं हुए और इसके लिए उन्होने ‘अभिभावक’ की भूमिका मंजूर नहीं की तो टीम द्वारा कोई राजनैतिक पार्टी नहीं बनाई जाएगी।
देश को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का राजनीतिक विकल्प देने संबंधी निर्णय पर टीम की मध्यप्रदेश इकाई से विचार-विमर्श के लिए आज यहां आए सिसोदिया ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘आज की बैठक में मध्यप्रदेश के 50 में से 40 जिलों से आए 90 प्रतिशत सक्रिय कार्यकर्ताओं ने राजनीतिक पार्टी बनाने को लेकर अपनी सहमति दी है, लेकिन यदि इस विकल्प के लिए अन्ना स्वयं तैयार नहीं हुए और उन्होने ‘अभिभावक’ की भूमिका स्वीकार नहीं की तो इसे अंजाम नहीं दिया जाएगा।’
सिसोदिया से जब यह पूछा गया कि क्या 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर टीम अन्ना की नई राजनीतिक पार्टी घोषित कर दी जाएगी, इस पर उन्होंने कहा कि समूचे देश में आम लोगों से विचार-विमर्श, व्यापक सर्वेक्षण और संतोष हेगड़े जैसे सहयोगियों का भ्रम दूर करने के बाद ही इसका निर्णय किया जाएगा। उन्होने कहा कि प्रदेश भर से आए इन सक्रिय कार्यकर्ताओं ने सात घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में यह तय किया है कि वह अपने जिलों में जाकर 15 दिन के अंदर ‘समान विचार’ वाले 15 से 20 लोगों की एक आंदोलन समिति गठित करेंगे जो भविष्य की राजनीतिक पार्टी के लिए लोगों से विचार आमंत्रित करेगी। ऐसे ही तीन माह के अंदर इसी तरह की एक समिति गांव, ब्लॉक, तहसील और शहरों के वार्ड स्तर पर गठित की जाएगी।
सिसोदिया ने कहा कि इस राजनीतिक पार्टी के लिए टिकट का वितरण दिल्ली अथवा राज्यों की राजधानी से नहीं, बल्कि जनता की पसंद के आधार पर लोकसभा अथवा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर किया जाएगा। इनसे एक शपथ पत्र लिया जाएगा कि वह लाल बत्ती गाड़ी में नहीं चलेंगे, कोई सुरक्षा गार्ड नहीं लेंगे तथा कार्यकाल पूरा होने के बाद पेंशन स्वीकार नहीं करेंगे। इस तरह ईमानदार एवं अच्छी छवि वाले लोगों को ही पार्टी का प्रत्याशी बनाया जाएगा। हमारे प्रत्याशी देशभक्त होंगे, अवसरवादी नहीं।
मध्यप्रदेश में इंदिरा सागर एवं ओंकारेश्वर बांध परियोजना के डूब प्रभावित विस्थापितों के आंदोलन के बारे में उन्होने कहा कि टीम अन्ना पूरी तरह उनकी मांगों के साथ है और हरदा जिले के खरदना गांव में जल सत्याग्रह कर रहे आंदोलनकारियों को पुलिस बल द्वारा जबरदस्ती खदेड़ने की कड़ी निंदा करता है। सरकार का यह कदम घोर अमानवीय था। सरकार को तय करना होगा कि वह कंपनियों के लिए है अथवा पीड़ित जनता के साथ है। (एजेंसी)

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