अमेरिका, भारत शिक्षा क्षेत्र में बन सकते हैं अगुआ: केरी
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अमेरिका, भारत शिक्षा क्षेत्र में बन सकते हैं अगुआ: केरी

भारत और अमेरिका के कई संस्थानों के बीच समझौते और साझेदारी की घोषणा को देखते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने सोमवार को कहा कि भारत और अमेरिका के पास वैश्विक शिक्षा को नेतृत्व देने की क्षमता है। मानव संसाधन विकास मंत्री एम.एम. पल्लम राजू ने कहा कि अमेरिका के सामुदायिक कॉलेज की तर्ज पर भारत 200 कौशल प्रशिक्षण संस्थान शुरू करेगा।

नई दिल्ली : भारत और अमेरिका के कई संस्थानों के बीच समझौते और साझेदारी की घोषणा को देखते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने सोमवार को कहा कि भारत और अमेरिका के पास वैश्विक शिक्षा को नेतृत्व देने की क्षमता है। मानव संसाधन विकास मंत्री एम.एम. पल्लम राजू ने कहा कि अमेरिका के सामुदायिक कॉलेज की तर्ज पर भारत 200 कौशल प्रशिक्षण संस्थान शुरू करेगा।
केरी भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए हुए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को रास्ता तैयार करने की जरूरत है, क्योंकि एक बड़ी युवा आबादी को प्रशिक्षित करने की जरूरत है। केरी ने कहा कि चुनौतियां काफी बड़ी हैं। लोगों को सिर्फ काम के लिए प्रशिक्षित करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने प्रशिक्षित करने की इसलिए जरूरत है, ताकि वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा ले सकें, ताकि वे कल्पना और हकीकत के भेद को समझ सकें। यही क्षमता भारत और अमेरिका के पास दुनिया को देने के लिए है।

उन्होंने आगे कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। साझेदारी का स्वागत करते हुए राजू ने कहा कि कौशल विकास भारत के लिए ध्यान देने का महत्वपूर्ण क्षेत्र है और इस क्षेत्र में अमेरिकी साझेदारी मददगार साबित होगी। दोनों देशों के पास आठ सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर हुए। इनके तहत हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और बेंगलुरू के सैंट जॉन्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के बीच हार्वर्ड-भारत पोषण पहल, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और ओहायो स्टेट विश्वविद्यालय के बीच सहमति पत्र और असम कृषि विश्वविद्यालय और वाशिंगटन स्टेट विश्वविद्यालय के बीच साझेदारी शामिल है। नवंबर, 2009 में शुरू हुई सिंह-ओबामा पहल के तहत यह तीसरे दौर की वार्ता है। (एजेंसी)

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