उत्तराखंड : बहादुर जवानों को गार्ड ऑफ ऑनर, लापता लोगों की तलाश जारी
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उत्तराखंड : बहादुर जवानों को गार्ड ऑफ ऑनर, लापता लोगों की तलाश जारी

उत्तराखंड में आए सैलाब के बाद गौरीकुंड में राहत और बचाव कार्य के दौरान हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद सभी 20 जवानों को आज देहरादून में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

देहरादून/गोचर : उत्तराखंड में मंगलवार को हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद होने वाले 20 बहादुर जवानों को शुक्रवार को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।
देहरादून में आयोजित समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह की मौजूदगी में भारतीय वायुसेना के पांच, राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) के नौ और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के छह जवान सम्मानित किए गए।
शिंदे ने कहा, ‘20 बहादुरों को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित करना राष्ट्र की सेवा के लिए उनके महान बलिदान को याद करने का हमारी ओर से एक छोटा सा कदम है। हम उन सभी के लिए प्रार्थना करते हैं जिन्होंने अपना जीवन गंवा दिया।’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता हैं और उनके शव मलबे और कीचड़ में दबे होने की आशंका है। अब हमारा ध्यान उन्हें ढूंढने की ओर केंद्रित है।’
गृह मंत्री ने कहा कि बीमार, वृद्ध और विकलांग लोगों के अलावा महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर बाहर निकाला जाएगा। इनमें से अधिकतर लोग बद्रीनाथ इलाके में फंसे हुए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर बचाव कार्य के लिए अभी 15 और दिनों तक राज्य में रहेंगे।
गृह मंत्री ने बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को अब तक बाहर नहीं निकाला गया है उन्हें बचाने के लिए और अधिक हेलीकॉप्टर तैनात किए जाएंगे। इस बीच सरकार ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित चार धाम तीर्थस्थलों, उसके आसपास के क्षेत्रों और उन्हें जोड़ने वाली सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए आज 195 करोड़ रूपए के पैकेज की घोषणा की।
सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने आश्वासन दिया कि बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर फंसे सभी लोगों को बाहर निकालने तक सैन्य बलों के अभियान जारी रहेंगे। प्रभावित क्षेत्रों के एक दिवसीय दौरे पर आए जनरल सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने कमांडरों से प्रशासनिक अधिकारियों के किसी आग्रह का इंतजार किये बगैर सक्रिय तरीके से ‘बेहद मुश्किल स्थितियों में’ राहत अभियान चलाने के लिए कहा है।
महामारी फैलने का खतरा कम करने के लिए बहुत तेज़ी से कार्य किया जा रहा है। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित केदारनाथ में शवों के सामूहिक अंतिम संस्कार का कार्य जारी है। केदारनाथ घाटी में अब तक 34 शवों की पहचान करने और डीएनए संरक्षित करने जैसी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जा चुका है।
अधिकारियों ने बताया कि मौसम साफ होते ही 17 हेलीकॉप्टर राज्य के विभिन्न स्थानों में फंसे 1,237 लोगों को बचाने के लिए सुबह रवाना हो गए। हर्सिल सेक्टर में अब कोई तीर्थयात्री नहीं है। करीब 3000 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका ध्यान अब बद्रीनाथ धाम इलाके पर है जहां गए अधिकतर तीर्थयात्री फंसे हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जोशीमठ-बद्रीनाथ, रद्रप्रयाग-गौरीकुंड और उत्तरकाशी-गंगोत्री मार्गों को छोड़कर सभी मुख्य मार्गों को पुन: खोल दिया गया है जिससे लोगों को तेजी से बाहर निकालने की उम्मीद बढ़ी है।
अधिकारियों ने बताया कि अब तक 1,04,687 लोगों को सड़क एवं हवाई मार्ग के जरिए विभिन्न स्थानों से बाहर निकाल लिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि अनुमानित 3000 लोग लापता है और उनका पता लगाने के प्रयास तेज़ कर दिए गए हैं। सरकारी वेबसाइट पर लापता लोगों की जानकारी और फोटो अपलोड की जा सकती है जिससे अधिकारियों को उनका पता लगाने में मदद मिलेगी। (एजेंसी)

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