किरण ने पीएम को कहा धृतराष्ट्र, खुर्शीद ने चेताया

टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमला करने के लिए आज उन्हें महाभारत के धृतराष्ट्र की उपमा दी और इसके लिए सरकार ने उसकी आलोचना करते हुए कहा कि वह अपनी लड़ाई को ‘व्यक्तिगत अभियान’ में तब्दील कर रही है।

नई दिल्ली : टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमला करने के लिए आज उन्हें महाभारत के धृतराष्ट्र की उपमा दी और इसके लिए सरकार ने उसकी आलोचना करते हुए कहा कि वह अपनी लड़ाई को ‘व्यक्तिगत अभियान’ में तब्दील कर रही है।
इधर, वाकयुद्ध में कूदते हुए भाजपा ने कहा कि संप्रग सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग सही है क्योंकि सिंह हालांकि ईमानदार नेता हैं। लेकिन ‘दाग’ उन तक पहुंचता है।
बेदी ने ट्विटर पर लिखा, पीएमओ ने प्रधानमंत्री को दोषमुक्त करार दिया। क्या महाभारत में धृतराष्ट्र ने कौरवों का समर्थन नहीं किया था जब उन्होंने द्रौपदी का चीरहरण का प्रयास किया गया। क्या यह भारतीय रग या संस्कृति या? उन्होंने कहा कि टीम अन्ना का ध्यान केंद्र में सत्तारूढ पार्टी पर है क्योंकि वहीं प्रभावशाली कानून बना सकती है, विपक्ष नहीं।
किरण ने प्रधानमंत्री कार्यालय के पत्र को पूरी तरह से ‘अस्पष्ट विचारों वाला’ करार दिये जाने के एक दिन बाद आरोप लगाया, प्रधानमंत्री और 14 कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ एसआईटी जांच की मांग को लेकर करो या मरो अनशन 25 जुलाई से शुरू होगा। दागी टीम कभी भी हमें तेज और मजबूत आपराधिक न्याय प्रणाली नहीं दे सकती। बाद में दिन में किरण ने ट्विटर पर सी राजगोपालाचार्य के महाभारत का उल्लेख किया जिसमें धृतराष्ट्र कह रहे हैं, मैंने धर्म और राजनीति के सन्मार्ग का पालन नहीं किया बल्कि मैंने स्वयं को अपने मूर्ख पुत्रों द्वारा गुमराह होने दिया। और जैसा कि आप कहते हैं हम तेजी से रसातल की ओर बढ़ जा रहे हैं।
वहीं, बेदी के ट्विटर पर लिखे बयान पर प्रतिकिया व्यक्त करते हुए विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, हम सभी को लगता था कि उन्होंने अपनी शुरुआत अच्छे विचार के साथ की थी। भ्रष्टाचार पर रोक लगाना और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रश्न उठाना एक अच्छा विचार था। लेकिन आज वे अपने आंदोलन को निजी अभियान और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा में तब्दील करके इस विचार के साथ सबसे बड़ा अपकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं यह काफी विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जब समय आएगा देश उन्हें एक उचित जवाब देगा।
यद्यपि खुर्शीद ने यह कहते हुए जवाबी हमला किया कि समाज के सदस्यों को सबसे पहले स्वयं की की अनियमितताओं का जवाब देना चाहिए और जांच के लिए तैयार रहना चाहिए। यह आरोप लगाते हुए कि टीम अन्ना के सदस्यों ने कभी भी अपने खिलाफ जांच की मांग नहीं की, उन्होंने कहा, हम कम से कम सार्वजनिक जांच के अधीन हैं। हम प्रत्येक पांच वर्ष में चुनाव का सामना करते हैं। जनता हमारे रिकॉर्ड को स्वीकार करती है या खारिज करती है और सब कुछ उपलब्ध होता है और हम किसी भी सार्वजनिक जांच के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, ऐसे कई प्रश्न हैं जिसका उन्हें पहले जवाब देना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि उन्हें प्रश्न पूछने का अधिकार है और मुझे नहीं लगता कि वे देश में लोकतंत्र के लिए मददगार और बहुत अच्छे रहे हैं। मंत्री ने कहा कि देश में जो कुछ हो रहा है उस पर लगाम लगाने के लिए सरकार के पास अपने उपाय हैं लेकिन मैंने कभी भी टीम अन्ना को यह कहते हुए नहीं सुना कि वह जांच के लिए तैयार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अन्ना सदस्य सरकार को परास्त करने के प्रयास में ‘चीख चिल्ला’ रहे हैं।
भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने मंत्रियों के खिलाफ आरोपों की जांच करने की मांग करते हुए कहा, कोई भी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर संदेह नहीं जताता। लेकिन सरकार जिस तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है यह स्वाभाविक है कि दाग उन तक भी पहुंचता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन ऐसा होगा। उन्होंने कहा, समाज और सरकार के बीच वाकयुद्ध बंद होना चाहिए। सरकार को जांच के आदेश देने चाहिए। (एजेंसी)

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