किसी भी समय चुनाव का सामना करने को तैयार: भाजपा

केंद्र में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार पर ‘सीबीआई की बैसाखी’ के सहारे चलने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने रविवार को एक बार फिर दोहराया कि वह इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ ही किसी भी समय लोकसभा चुनावों का सामना करने को तैयार है।

नई दिल्ली : केंद्र में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार पर ‘सीबीआई की बैसाखी’ के सहारे चलने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने रविवार को एक बार फिर दोहराया कि वह इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ ही किसी भी समय लोकसभा चुनावों का सामना करने को तैयार है।
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने पार्टी पदाधिकारियों की नयी टीम के गठन के बाद पहली बार आयोजित बैठक में उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि आज की राजनीतिक स्थिति में कभी भी लोकसभा चुनाव हो सकते हैं। पार्टी के लिए बहुत ही अनुकूल और कांग्रेस के खिलाफ वातावरण है।
पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि राजनाथ ने किसी भी समय लोकसभा चुनाव का सामना करने के लिए तैयार होने की बात कही है। जावड़ेकर ने कहा कि इस साल कर्नाटक, दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव होने तय हैं और झारखंड में भी चुनाव होने चाहिए।
उन्होंने राजनाथ का हवाला देते हुए कहा, ‘केंद्र सरकार सीबीआई की बैसाखी के सहारे चल रही है और किसी भी वक्त गिर सकती है। घटक दल और सहयोग दे रहे दल भी यह बात कह रहे हैं।’ पार्टी अध्यक्ष ने भाजपा की दो विशेषताएं- ‘सुशासन और संगठन’ गिनाते हुए कहा कि पार्टी की असली ताकत बूथ स्तर पर है जिसे मजबूत करने की जरूरत है।
उन्होंने पार्टी नेताओं को यह हिदायत भी दी कि प्रवक्ताओं तथा अधिकृत लोगों के अलावा किसी भी नेता को पार्टी लाइन से हटकर मीडिया से बात नहीं करनी चाहिए।
राजनाथ सिंह ने कांग्रेस नीत संप्रग और भाजपा नीत राजग सरकार की तुलना करते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के छह साल में जहां 6 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये वहीं संप्रग में नौ साल में 30 लाख से भी कम लोगों को रोजगार मिला। इस बात की पुष्टि सरकारी आंकड़ों से भी होती है।
जावड़ेकर के अनुसार वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने नेताओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि वाजपेयी सरकार ने 98 से 2004 तक सुशासन का अच्छा मॉडल पेश किया था।
आडवाणी ने कहा कि अगले चुनाव में ‘महंगाई, भ्रष्टाचार और काला धन’ तीन प्रमुख मुद्दे रहेंगे जिनके लिए भाजपा का जवाब ‘विकास के लिए सुशासन, दूरदर्शी राजनीति और पार्टी की आदर्श छवि’ होगा।
आडवाणी ने 2004 के लोकसभा चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी हार की मुख्य वजह होने की ओर इशारा करते हुए पार्टी पदाधिकारियों का आह्वान किया कि इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में संप्रग को प्राप्त 265 सीटों में से 160 सीटें तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में मिली थीं और इस बार इन छह राज्यों में ‘कांग्रेस के सफाये’ की स्थिति है।
जेटली के भाषण का हवाला देते हुए जावड़ेकर ने कहा कि तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी दल द्रमुक और पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थन वापसी से संप्रग की स्थिति कमजोर हुई है। राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस के लिए पहले जैसी स्थिति नहीं है।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी के कारण तथा तेलंगाना पर फैसला नहीं लेने से कांग्रेस को पहले ही विपरीत स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में इस बार भाजपा की हैट्रिक बनने का दावा किया। वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने पड़ोसी देशों की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, नेपाल, म्यामां, बांग्लादेश और श्रीलंका के हालात का भारत की राजनीतिक स्थिति पर असर होता है।
उन्होंने कहा कि वाजपेयी सरकार के समय सभी पड़ोसियों से अच्छे संबंध रहे। भाजपा इस तरह की सभी चुनौतियों और खुद को विकल्प के रूप में पेश करने को तैयार है। (एजेंसी)

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