जुंदाल तीन नवम्बर तक न्यायिक हिरासत में
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जुंदाल तीन नवम्बर तक न्यायिक हिरासत में

दिल्ली के एक विशेष न्यायालय ने शनिवार को 26/11 (मुम्बई हमले) के संदिग्ध षड्यंत्रकारी अबू जुंदाल को तीन नवम्बर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वह फिलहाल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में था।

नई दिल्ली : दिल्ली के एक विशेष न्यायालय ने शनिवार को 26/11 (मुम्बई हमले) के संदिग्ध षड्यंत्रकारी अबू जुंदाल को तीन नवम्बर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वह फिलहाल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में था।
एनआईए ने पूछताछ के बाद जुंदाल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत में पेश किया। इसके बाद विशेष न्यायाधीश तलवंत सिंह ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पहले एनआईए ने एक अन्य विशेष अदालत से कहा था कि देशभर में आतंकवादी हमलों की लश्कर-ए-तैयबा की साजिश के बारे में उसे जुंदाल से पूछताछ करने की जरूरत है। अदालत ने 8 अक्टूबर को जुंदाल को एनआईए के हवाले कर दिया था।
साजिश का पता चलने पर एनआईए ने इस वर्ष की शुरुआत में दर्ज हुई एक प्राथमिकी के सिलसिले में जुंदाल की हिरासत की मांग की थी। दिल्ली पुलिस ने जुंदाल को इस वर्ष 21 जून को गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस को उसकी तलाश 2010 से ही थी। दरअसल, राष्ट्रमंडल खेलों से कुछ ही दिन पूर्व जामा मस्जिद पर की गई गोलीबारी के सिलसिले में उसका नाम आया था। इस घटना के आरोपी मोहम्मद आदिल ने पुलिस को कहा था कि उसे जुंदाल ने जिहाद के लिए उकसाया।
उसकी गिरफ्तारी के समय पुलिस ने कहा था कि 26 नवम्बर 2008 को मुम्बई पर हमले की निगरानी के लिए पाकिस्तान स्थित `कंट्रोल रूम` में लश्कर के सदस्य जकी-उर-रहमान लखवी के साथ जुंदाल भी मौजूद था। ज्ञात हो कि 16 अक्टूबर को मुम्बई पुलिस वहां की एक अदालत में जुंदाल के खिलाफ औपचारिक आरोपपत्र दाखिल कर चुका है।
पुलिस की अपराध शाखा ने 13,000 से अधिक पृष्ठों का आरोपपत्र एस्प्लेनेड मजिस्ट्रेट के समक्ष दाखिल किया था। 56 खंडों में तैयार आरोपपत्र में मुम्बई हमले की साजिश रचने में जुंदाल की भूमिका के बारे में विस्तृत ब्योरा दिया गया है। आरोप पत्र में जुंदाल का अजमल कसाब से जेल में कराया गया आमना-सामना का ब्योरा भी दिया गया है। कसाब मुम्बई हमले के बाद की गई कार्रवाई में जीवित बचा एकमात्र आतंकवादी है।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, 2008 के मुम्बई हमले के दौरान जुंदाल ने चाबाद हाउस में मौजूद दो आतंकवादियों से फोन पर बात की थी। फोन कॉल का रिकार्ड उसके खिलाफ एक अहम सबूत है। जुंदाल की आवाज का फॉरेंसिक विश्लेषण भी कराया गया था।
इससे पहले महाराष्ट्र के जांचकर्ताओं ने मुम्बई हमले, पुणे में 2010 में हुए जर्मन बेकरी विस्फोट और 2006 में औरंगाबाद में हथियार पहुंचाने के मामले तथा नाशिक पुलिस एकेडमी पर हमले की साजिश रचने में उसकी कथित संलिप्ता की जांच के लिए उसे हिरासत में लिया था। उल्लेखनीय है कि लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने 2008 में मुम्बई पर हमला किया था, जिसमें विदेशी पर्यटकों सहित 166 लोगों की मौत हो गई थी और 238 लोग घायल हो गए थे। (एजेंसी)

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