टीम अन्‍ना को चेतावनी, टिप्‍पणी बर्दाश्‍त नहीं
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टीम अन्‍ना को चेतावनी, टिप्‍पणी बर्दाश्‍त नहीं

सांसदों के खिलाफ टीम अन्ना की टिप्पणी की मंगलवार को लोकसभा में सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों ने एकमत से निंदा की और अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि ऐसी कोई टिप्पणी जो सम्मानित सदन की मर्यादा और सम्मान को नीचा दिखाती हो अनुचित और अस्वीकार्य है।

नई दिल्‍ली : सांसदों के खिलाफ टीम अन्ना की टिप्पणी की मंगलवार को लोकसभा में सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों ने एकमत से निंदा की और अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि ऐसी कोई टिप्पणी जो सम्मानित सदन की मर्यादा और सम्मान को नीचा दिखाती हो अनुचित और अस्वीकार्य है। मीरा कुमार ने कहा कि संसद पर अपमानजनक टिप्‍पणी बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी। टीम अन्‍ना के बयानों को लोकसभा ने मंगलवार को खारिज कर दिया।

 

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जन प्रतिनिधित्व कानून और आदर्श आचार संहिता के तहत गहन छानबीन के बाद चुनाव में जनता अपनी बुद्धिमता से जन प्रतिनिधियों का चयन करती है। संसद जनता के सामूहिक विवेक का सम्मान करती है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई टिप्पणी जो सम्मानित सदन की मर्यादा और सम्मान को नीचा दिखाती हो, अनुचित और अस्वीकार्य है।

 

इससे पहले, शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए जद यू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि लोकतंत्र में संसद सर्वोच्च संस्था है। कोई भी किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ टिप्पणी कर सकता है, लेकिन संसद, चुनाव आयोग, उच्चतम न्यायालय जैसी संस्थाओं पर इस तरह से अमार्यदित और गैर वाजिब टिप्पणी से लोगों का विश्वास टूट जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संसद ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जितनी पहल की, उतनी किसी और संस्था ने नहीं की इसलिए संसद की सर्वोच्चता और लोगों का विश्वास बनाए रखने की व्यवस्था होनी चाहिए।

 

शरद यादव ने कहा कि संवैधानिक संस्‍था पर हमला ठीक नहीं है। सदन का सम्‍मान घटेगा तो देश कहां जाएगा। संसद सर्वोच्‍च संस्‍था है। संवैधानिक संस्‍था पर हमला करना ठीक नहीं है। सांसदों को अपराधी बताना गलत है। गलत काम करने वालों को इसी सदन ने निकाला है। संसद से 11 सांसदों को 13 दिन के अंदर निकाला गया। उन्‍होंने कहा कि हम भी किसी फकीर से कम नहीं हैं। जैसी प्रजा होगी वैसा ही शासक होगा।

 

सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि संसद सर्वोच्च संस्था है। इस पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, केवल प्रस्ताव पास करने से काम नहीं चलेगा। ऐसे लोगों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के प्रावधान के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। संसद का अपमान करने वालों माफ नहीं करना चाहिए। मुलजिम की तरह टीम अन्‍ना को संसद में बुलाएं। वहीं, वहीं रघुवंश प्रसाद यादव ने कहा कि टीम अन्‍ना को ज्‍यादा तवज्‍जो देने की जरूरत नहीं है।

 

केंद्रीय मंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि हम यहां देश की सेवा करने के लिए आते हैं, गाली खाने के लिए नहीं। अगर उनके खिलाफ पैसे संबंधी कोई आरोप सिद्ध होता है, तब वह राजनीति छोड़ देंगे। कांग्रेस के जगदम्बिका पाल ने कहा कि जंतर मंतर पर बैठकर कुछ लोग सदन की कार्यवाही और अध्यक्ष के कामकाज पर हमला कर रहे हैं। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इस विषय पर कार्रवाई की जानी चाहिए। बसपा के दारा सिंह चौहान ने कहा कि सांसदों पर जिस तरह से अमर्यादित ढंग से हमला हो रहा है, वह सभ्‍य समाज के लोगों का अमर्यादित आचरण है,  जिसके तहत वे संसद और संवैधानिक संस्थाओं को निशाना बना रहे हैं। यह सिर्फ संसद का सवाल नहीं है बल्कि देश की जनता का अपमान है जो सांसदों को चुनकर भेजती है।

 

राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि संसद की गरिमा सर्वोच्च है, इसकी महिमा पर कोई आंच नहीं आनी चाहिए। लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि हमारे ही कुछ साथी जंतर मंतर पर उनके (टीम अन्ना) के बुलावे पर गए थे। उन्होंने कहा कि इस मामले को तूल देने की जरूरत नहीं है क्योंकि संविधान में विशेषाधिकार हनन का प्रावधान है। अन्नाद्रमुक के थम्बीदुरई ने कहा कि सभी लोगों को अपना विचार व्यक्त करने का अधिकार है, लेकिन अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी जा सकती है। इस विषय पर नेकां के एसडी शारिक, द्रमुक के टीकेएस इलेनगोवन और शिवसेना के आनंदराव अडसुल ने भी विचार व्यक्त किए।

(एजेंसी)

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