तीस्ता मुद्दे पर फैलाया गया भ्रम : ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘कुछ लोगों’ को तीस्ता नदी जल बंटवारे के मुद्दे पर भ्रम फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया और उम्मीद जताई कि भारत और बांग्लादेश के बीच मधुर संबंध अनवरत बने रहेंगे।

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘कुछ लोगों’ को तीस्ता नदी जल बंटवारे के मुद्दे पर भ्रम फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया और उम्मीद जताई कि भारत और बांग्लादेश के बीच मधुर संबंध अनवरत बने रहेंगे।

 

ममता ने यहां राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक के मौके पर शनिवार को कहा, ‘कुछ लोगों ने इस (तीस्ता जल मुद्दे) पर भ्रम फैलाया। हमने बांग्लादेश के साथ अच्छे संबंध बनाए हैं और मैं उम्मीद करती हूं कि भारत और बांग्लादेश साथ मिलकर काम करते रहेंगे।’

 

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह तीन बीघा मुद्दे को लेकर केंद्र से नाराज हैं, उन्होंने कहा, ‘तीन बीघा पर हमारी सरकार के साथ कोई मुद्दा नहीं है। मुझे तीन बीघा मुद्दे की जानकारी नहीं है। यह भारत और बांग्लादेश सरकार के बीच की बात है।’ ममता ने पिछले महीने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ ढाका की यात्रा पर जाने से इनकार कर दिया था। उसके बाद 19 अक्टूबर को भी वह बांग्लादेश की प्रधानमंत्री की तीन बीघा गलियारे दौरे के दौरान वहां नहीं गईं थीं।

 

ममता ने कहा, ‘हमारा बांग्लादेश के साथ भी अच्छा संबंध है तो ऐसे में (तीस्ता और तीन बीघा पर) मतभेद का प्रश्न ही नहीं उठता है।’ जब उनसे माओवादी खतरे के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा, ‘वे (माओवादी) हमारे भाई-बहन हैं और उन्हें आगे आकर राष्ट्रीय मुख्यधारा से जुड़ना चाहिए। वे सरकार से जो कुछ चाहते हैं, हम उन पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। हम उन्हें पूरा पैकेज देंगे।’ उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में वार्ता का विकल्प खुला रहना चाहिए। हम कोई खूनखराबा नहीं चाहते।

 

जब ममता से पूछा गया कि नक्सलियों ने अपना रूख बदल लिया है और वे अब राज्य में उनकी सरकार का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘यह सचाई नहीं है। उनके आनुषांगिक संगठनों ने हमारे खिलाफ चुनाव लड़ा। वे संसदीय चुनाव और विधानसभा चुनाव भी लड़े। उन्होंने चुनाव का बहिष्कार किया और उसकी वजह से माकपा कुछ सीट जीत गई।’ (एजेंसी)

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