नहीं चली संसद, कल तक के लिए स्थगित
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नहीं चली संसद, कल तक के लिए स्थगित

रिटेल क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और इसका विरोध कर रहे विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच गतिरोध आज भी जारी रहा और संसद कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।

ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी

नई दिल्ली : खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने के फैसले को लेकर विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के घटकों ने बुधवार को लगातार चौथे दिन संसद नहीं चलने दी। एकजुट विपक्ष के साथ ही संप्रग के घटक दल तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक ने एफडीआई संबंधी विवादास्पद फैसले को वापस लेने की मांग की।

 

संसद का शीतकालीन सत्र 22 नवंबर से शुरू होने के बाद पिछले चार दिन से एफडीआई मुद्दे पर तथा उससे पहले कई अन्य मुद्दों पर हंगामे के कारण दोनों सदनों में अभी तक कोई कार्य नहीं हो पाया है। सरकार के नेताओं और विपक्षी नेताओं के बीच औपचारिक और पिछले दरवाजे से हो रही वार्ताओं के बावजूद कोई सफलता हाथ नहीं लगी और आज भी संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा को एक बार के स्थगन के पश्चात दोपहर 12 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।

 

गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से संसद में कोई कामकाज नहीं हुआ है। महंगाई, भ्रष्टाचार, कालेधन, पृथक तेलंगाना राज्य के गठन तथा मुल्ला पेरियार बांध को लेकर पिछले सप्ताह संसद में भारी हंगामा छाया रहा। विपक्ष पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि सरकार द्वारा मांगों को माने जाने तक वह संसद को नहीं चलने देगा। विपक्ष की मांग है कि मल्टी ब्रांड खुदरा कारोबार में 51 फीसदी एफडीआई की अनुमति देने के फैसले को या तो सरकार वापस ले या इस विषय पर मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत उसके कार्य स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करे।

 

आज तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक सदस्यों द्वारा एफडीआई को लेकर प्रश्नकाल में किए गए भारी हंगामे पर कार्यवाही स्थगित होने के बाद दोपहर 12 बजे दोनों सदनों की बैठक दोबारा शुरू हुई। लेकिन सदन में सुचारू व्यवस्था कायम नहीं होने और हंगामा जारी रहने के कारण दोनों सदनों की बैठक कुछ ही मिनट बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।  लोकसभा में सत्तारुढ़ कांग्रेस के कुछ सदस्यों और तेदेपा सदस्यों को पृथक तेलंगाना राज्य के गठन को लेकर प्लेकार्ड लहराते देखा गया। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य भी एफडीआई मसले पर प्लेकार्ड दिखाते और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते देखे गए जबकि तेदेपा, माकपा और शिवसेना सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गए।

 

राज्यसभा में 12 बजे सदन की बैठक पुन: शुरू होने पर भाजपा, बसपा, जद यू तथा अन्नाद्रमुक सदस्य और सत्ता पक्ष में तृणमूल कांग्रेस सदस्य अपने अपने स्थान पर खड़े हो गए। बसपा, वाम तथा भाजपा सदस्य एफडीआई फैसले को वापस लिए जाने की मांग करने लगे और उनमें से कुछ आसन के समक्ष आ गए।
उधर, केरल के सभी सांसद दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राज्य में मुल्लपेरियर बांध की सुरक्षा के मुद्दे पर आसन के समक्ष आ गए। सदन के मूड को देखते हुए उपाध्यक्ष के. रहमान खान ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के तुरंत बाद बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

 

इससे पूर्व दोनों सदनों में एक जैसा नजारा रहा और बैठकों को कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

 

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