नितिन गडकरी को बतौर बीजेपी अध्‍यक्ष दूसरा कार्यकाल मिलना तय?

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कथित पार्टी के नए अध्‍यक्ष के तौर पर किसी को ढूंढने में अब तक कामयाबी हाथ नहीं लगी है। एक रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया है कि नितिन गडकरी को बतौर पार्टी अध्‍यक्ष तीन साल के लिए दूसरा कार्यकाल मिलने की संभावना है।

ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कथित पार्टी के नए अध्‍यक्ष के तौर पर किसी को ढूंढने में अब तक कामयाबी हाथ नहीं लगी है। एक रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया है कि नितिन गडकरी को बतौर पार्टी अध्‍यक्ष तीन साल के लिए दूसरा कार्यकाल मिलने की संभावना है। गौर हो कि वित्‍तीय अनियमितताओं के कुछ मामलों में घिरे होने के बावजूद गडकरी को दोबारा अध्‍यक्ष बनाए जाने का अनुमान पहले भी लगाया जा रहा था।
पार्टी की ओर से इस संदर्भ में सारी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद इस माह के अंत में अध्‍यक्ष के नाम की घोषणा की जा सकती है। एक अंग्रेजी अखबार में मंगलवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में इस बात का उल्‍लेख है। पार्टी अध्‍यक्ष के तौर पर तीन साल के लिए गडकरी को दोबारा कमान मिलने की संभावनाओं के बीच राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) का पार्टी से संबंधित मामलों में शीर्ष तवज्‍जो भी मिलना तय होगा।

यदि ऐसा होता है तो गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी आगे का सकारात्‍मक कदम होगा। चूंकि 2014 के आम चुनाव में मोदी को पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री के प्रबल उम्‍मीदवार के रूप में देखा जा रहा है।
हालांकि, पूर्व में इस बात का अनुमान लगाया जा रहा था कि पूर्ति समूह (इस समूह में गडकरी प्रमुख प्रोमोटर हैं) से जुड़े विवाद सामने आने के बाद गडकरी को दूसरा कार्यकाल मिलना मुश्किल होगा। लाल कृष्‍ण आडवाणी, यशवंत सिन्‍हा समेत बीजेपी के कई वरिष्‍ठ नेताओं ने गडकरी को दूसरा कार्यकाल दिए जाने के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी। लेकिन पार्टी में नए अध्‍यक्ष के तौर पर किसी अन्‍य नाम पर आम सहमति न बनने की स्थिति का लाभ गडकरी के पक्ष में जाता दिख रहा है।
गडकरी के नाम पर ऐसी सहमति की स्थिति में पार्टी के लिए आगामी दिनों में असहज स्थिति हो सकती है। पार्टी इस बात को लेकर भी आशंकित है कि यदि गडकरी को दूसरा कार्यकाल मिला तो कांग्रेस को प्रहार करने का मौका मिलेगा।

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