निष्प्रभावी हो चुकी है बार काउन्सिल ऑफ इंडिया’
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निष्प्रभावी हो चुकी है बार काउन्सिल ऑफ इंडिया’

उच्चतम न्यायलय ने बार काउन्सिल ऑफ इंडिया द्वारा भूल करने वाले वकीलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर सवाल उठाते हुये सोमवार को कहा कि यह संस्था ‘निष्प्रभावी’ हो गयी है और ऐसे वकीलों का खामियाजा अदालतों को भुगतना पड़ रहा है।

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायलय ने बार काउन्सिल ऑफ इंडिया द्वारा भूल करने वाले वकीलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर सवाल उठाते हुये सोमवार को कहा कि यह संस्था ‘निष्प्रभावी’ हो गयी है और ऐसे वकीलों का खामियाजा अदालतों को भुगतना पड़ रहा है।
न्यायमूर्ति बलबीर सिंह चौहान और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की खंडपीठ ने कहा, ‘बार काउन्सिल निष्प्रभावी हो गयी है। भूल करने वाले वकीलों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है और हमें इसे भुगतना पड़ रहा है। वास्तव में हम इसके शिकार हैं और वकील पैसा कमा रहे हैं।’
न्यायाधीशों ने मुंबई के एक कारोबारी की अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई से इंकार करते हुये यह टिप्पणी की। इस कारोबारी का वकील पहले ही अर्जी वापस ले चुका था और इसके बाद उसने यह मामला दायर किया था।
न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता बार काउन्सिल या पुलिस से संपर्क करके याचिका वापस लेने वाले वकील के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है।
न्यायाधीशों ने कहा, ‘वकील खुद को कानून से ऊपर समझते हैं। हम रोजाना इस स्थिति से जूझ रहे हैं।’
न्यायालय ने कहा, ‘यह सिर्फ अग्रिम जमानत की याचिका है। पहले इसे समर्पण करना होगा। पहले वकील को हमारे सामने पेश होने दिया जाये।’
बार काउन्सिल ऑफ इंडिया देश में वकालत करने वाले वकीलों को नियंत्रित करने वाली शीर्ष संस्था है और यह पेशेवर गुणवत्ता और कानूनी शिक्षा के बारे में नियम तैयार करती है। (एजेंसी)

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