पितृत्व विवाद: तिवारी के खिलाफ सुनवाई शुरू

वरिष्ठ कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी को अपना जैविक पिता घोषित करने की मांग कर रहे रोहित शेखर द्वारा दायर वाद पर सोमवार को यहां एक आयोग के समक्ष सुनवाई शुरू हो गई। यह सुनवाई उसकी मां की गवाही के साथ शुरू हुई जिन्होंने कहा कि रोहित सहित उनके दोनों बेटों की उनके पूर्व पति अब भी मदद करते हैं।

नई दिल्ली : वरिष्ठ कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी को अपना जैविक पिता घोषित करने की मांग कर रहे रोहित शेखर द्वारा दायर वाद पर सोमवार को यहां एक आयोग के समक्ष सुनवाई शुरू हो गई। यह सुनवाई उसकी मां की गवाही के साथ शुरू हुई जिन्होंने कहा कि रोहित सहित उनके दोनों बेटों की उनके पूर्व पति अब भी मदद करते हैं।
उज्ज्वला शर्मा (67) ने 88 वर्षीय तिवारी के वकील द्वारा की गई जिरह के दौरान कहा, ‘मेरा बेटा (रोहित) लेख इत्यादि लिखता है और उसका कोई दूसरा व्यवसाय नहीं है। रोहित शेखर मेरे बड़े बेटे सिद्धार्थ के साथ भी साझेदार है, सिर्फ रीयल एस्टेट कारोबार में। वह हिन्दुस्तान लीवर या पेट्रो केमिकल वितरण में शामिल नहीं है।’
उन्होंने यह जवाब तिवारी के वकील बहार उबरकी के इस सवाल पर दिया कि उज्ज्वला के पूर्व पति तलाक के बाद भी रोहित की मदद कर रहे हैं।
उज्ज्वला अपना बयान पूर्व अतिरिक्त जिला न्यायाधीश बिमला माकिन के समक्ष दर्ज करा रही थीं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बिमला को इस मामले में बयान दर्ज करने के लिए स्थानीय आयुक्त नियुक्त किया है।
रोहित ने 2008 में पितृत्व वाद दायर किया था।
एक सवाल के जवाब में रोहित की मां ने कहा,‘मुझे 2006 में अदालत से अंतिम तौर पर तलाक मिल गया। मैंने खुद 2006 में तलाक के लिए याचिका दायर की थी। हम पहले से ही अलग रह रहे थे, मैंने अपने पति की पारस्परिक सहमति से तलाक की अर्जी दाखिल की थी।’
उन्होंने आगे कहा कि उनके पूर्व पति और उनका बड़ा बेटा दोनों डिफेंस कालोनी स्थित मकान के प्रथम तल पर एक साथ रहते हैं जो उन्होंने 1978 में खरीदा था।
उज्ज्वला ने कहा कि वह और उनका छोटा बेटा रोहित मकान के भूतल पर रहते हैं।
उनसे जिरह अधूरी रही और यह मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के कार्यालय में शुरू होगी। (एजेंसी)

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