पीएम प्रत्याशी बीजेपी का विशेषाधिकार : संघ
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पीएम प्रत्याशी बीजेपी का विशेषाधिकार : संघ

विख्यात अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी के इस दावे कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत उनकी इस बात से सहमत हैं कि नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वोत्तम उम्मीदवार साबित होंगे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आज स्पष्ट किया कि यह निर्णय करना भाजपा का विशेषाधिकार है।

नई दिल्ली: विख्यात अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी के इस दावे कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत उनकी इस बात से सहमत हैं कि नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वोत्तम उम्मीदवार साबित होंगे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आज स्पष्ट किया कि यह निर्णय करना भाजपा का विशेषाधिकार है।
संघ के वरिष्ठ नेता राम माधव ने इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘मुलाकातें होती हैं। सरसंघचालक जेठमलानी के सुझाव से सहमत थे या नहीं, केवल वही बता सकते हैं। आपको मामले का केवल एक विवरण मालूम है। दूसरा विवरण क्या है, यह तो केवल संघ प्रमुख ही बता सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि यह सच है कि इस तरह के विषयों पर संघ के वरिष्ठ नेताओं के बीच चर्चा होती रहती है।
माधव जेठमलानी के उस दावे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें कहा गया है कि संघ प्रमुख उनकी इस बात से सहमत हैं कि प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी भाजपा के श्रेष्ठ उम्मीदवार साबित होंगे।
उन्होंने कहा कि इस तरह के तमाम विषयों पर लोग संघ के नेतृत्व के साथ बातचीत में अपने विचार रखते हैं। लेकिन संघ का आम तौर पर रूख यही रहता है कि ‘किसी को प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया जाए या नहीं, यह तय करना पार्टी का विशेषाधिकार है।’ जेठमलानी से संघ नेताओं की बातचीत को आम बातचीत बताते हुए माधव ने कहा, संघ के नेता साथ बैठ कर अनेक विषयों पर चर्चा करते हैं। इस बीच कई लोग भी आकर उनके साथ बैठते हैं और अपने विचार रखते हैं। ऐसी चर्चाओं को केवल इसी रूप में देखना चाहिए और इससे ज्यादा अर्थ नहीं निकालने चाहिए।
जेठमलानी ने भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को भी पत्र लिख कर 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी को पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग की है। भाजपा हालांकि, पार्टी के भीतर ही इस पद के कई उम्मीदवारों को देखते हुए अभी किसी एक नाम पर मुहर लगाने से बचना चाहती है। इसके अलावा अपने सहयोगी दलों, विशेषत: जदयू की मोदी के नाम पर सख्त आपत्ति को देखते हुए वह चुनावी नतीजे आने से पहले अपने पत्ते खोलने से बचना चाहेगी।
प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी की जोरदार वकालत करते हुए जेठमलानी ने कहा है कि गुजरात के मुख्यमंत्री को अल्पसंख्यक विरोधी धर्मान्ध के रूप में पेश करने के लिए उनके खिलाफ पैशाचिक प्रचार किया गया है।
जेठमलानी की इस पहल पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने दावा किया कि मोदी कभी भी इस देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं। अगर संघ उन्हें इसके लिए आगे बढ़ाना चाहता है तो यह उसका दिवा स्वप्न है। (एजेंसी)

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