राजोआना की फांसी पर केंद्र ने लगाई रोक

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए बलवंत सिंह राजोआना को फांसी पर लटकाए जाने के आदेश पर केंद्र ने बुधवार को रोक लगा दी।

ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

 

नई दिल्ली : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए बलवंत सिंह राजोआना को फांसी पर लटकाए जाने के आदेश पर केंद्र ने बुधवार को रोक लगा दी। एक दया याचिका पर यह कदम उठाया गया है। सरकार में मौजूद सूत्रों ने बताया कि सिखों के धार्मिक संगठन एसजीपीसी की याचिका पर राजोआना की फांसी पर रोक लगा दी गई है। उसे 31 मार्च को मृत्युदंड दिए जाने का कार्यक्रम था।

 

सूत्रों ने बताया कि मृत्युदंड को रोकने का फैसला इसलिए किया गया कि इस तरह के मामलों के लिए जारी दिशा निर्देश के तहत एक याचिका दी गई थी। राजोआना को फांसी पर लटकाये जाने के आदेश पर पंजाब की राजनीति में भूचाल आ गया था। एक ओर सत्तारूढ़ अकाली दल उसके मृत्युदंड के विरोध में अभियान चला रहा है वहीं दूसरी ओर भाजपा इस तरह के कदम को समर्थन नहीं दे रही है।

 

राज्य के कांग्रेस नेता व्यक्तिगत स्तर पर उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने का समर्थन कर रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने आज राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात की और पंजाब सरकार की ओर से राजोआना के लिए उन्हें एक दया याचिका सौंपी। राष्ट्रपति कार्यालय ने बाद में याचिका को केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेज दिया।  सामान्य परिस्थितियों में याचिका विधि मंत्रालय और पंजाब सरकार को भेजी जाएगी और टिप्पणी प्राप्त होने के बाद इसे गृह मंत्रालय के विचार के साथ राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। राष्ट्रपति कार्यालय में पहले से 18 दया याचिका पड़ी हुई हैं।

 

पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उप मुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल के राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात करने और शांति एवं साम्प्रादायिक सौहार्द के लिए राष्ट्रहित में इस मामले में राष्ट्रपति के हस्तक्षेप की मांग करने के कुछ ही देर बाद गृह मंत्रालय का यह आदेश आया। दरअसल, केंद्र की ओर से इस मामले में हस्तक्षेप करना जरूरी हो गया था कि क्योंकि इस मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया था और राजोआना को फांसी पर लटकाये जाने के खिलाफ समूचे राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। राजोआना को शनिवार को फांसी पर लटकाये जाने के कार्यक्रम के खिलाफ पूरे पंजाब में आज बंद का आयोजन किया गया।

 

इस बीच, मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने दोहराया कि शांति एवं साम्प्रदायिक सौहार्द किसी भी कीमत पर कायम रखी जाएगी और हालात का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे लोगों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्र के लोगों को आश्वस्त करते हैं कि किसी भी कीमत पर कानून एवं व्यवस्था को कायम रखा जाएगा। शांति एवं साम्प्रदायिक सौहार्द में खलल डालने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ उचित तरीके से निपटा जाएगा।

 

पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल ने भी कहा कि हम पंजाब के लोगों से शांति कायम रखने की अपील करते हैं। हालात का फायदा उठाने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ हम सख्त कार्रवाई करेंगे। राजोआना को फांसी पर लटकाये जाने के आदेश ने राजनीतिक रंग ले लिया। राज्य के सत्तारूढ़ अकाली दल ने उसके मृत्युदंड के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया, वहीं उसकी सहयोगी पार्टी भाजपा ने कहा है कि कानून को अपना काम करना चाहिए। पंजाब कांग्रेस भी उसकी सजा को नरम किए जाने के पक्ष में है। बहरहाल, राष्ट्रपति कार्यालय ने दया याचिका को केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेज दिया। राष्ट्रपति के समक्ष पहले से ही 18 दया याचिकाएं पड़ी हुई हैं।

 

यह पूछे जाने पर कि एसजीपीसी राजोआना के मुद्दे पर राजनीति क्यों कर रही है? इस पर बादल ने कहा कि इसमें कोई राजनीति नहीं है। यह हमारा काम है। बादल ने राष्ट्रपति से मुलाकात करने के पहले भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी और अरूण जेटली से भी मुलकात की।

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