रिटेल मसले पर संसद 7 दिसंबर तक स्थगित

रिटेल सेक्टर में हंगामे के बीच संसद 7 दिसंबर तक के लिए स्थगित हो गई है।

नई दिल्ली: मल्टी ब्रांड में खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति के निर्णय पर विपक्ष और सरकार के अपने अपने रूख पर अड़े रहने से संसद की कार्यवाही शुक्रवार को नौवें दिन भी बाधित रही।

 

पिछले महीने की 22 तारीख से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में अभी तक दोनों सदनों में प्रश्नकाल सहित कोई कामकाज नहीं हो पाया है। इस सत्र का लगभग आधा समय हंगामे की भेंट चढ़ चुका है।

 

लोकसभा में सुबह एफडीआई, मुल्लपेरियार बांध समेत विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका। सुबह भाजपा, वाममोर्चा, जदयू, शिवसेना, बीजद के अलावा संप्रग सरकार के घटक तृणमूल कांग्रेस और सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे सपा और बसपा के सदस्य खुादरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति दिये जाने के फैसले को वापस लेने की मांग करने लगे।

 

केरल से विभिन्न दलों के सदस्य मुल्लपेरियार बांध मुद्दा उठा रहे थे। उन्होंने अपने हाथों में तख्तियां ली हुई थी। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने हंगामा को देखते हुए सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

 

दोपहर 12 बजे सदन की बैठक पुन: शुरू होने पर भी सदन में हंगामा बदस्तूर जारी रहा। सरकार के घटक दल तृणमूल कांग्रेस पार्टी और वाम मोर्चा सदस्य एफडीआई के मुद्दे पर एकजुट नजर आए।

 

उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने हंगामे के बीच ही आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और कुछ ही मिनट बाद बैठक सात दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि शनिवार और रविवार संसद के दोनों सदनों में अवकाश रहता है जबकि छह दिसंबर को मुहर्रम के कारण संसद में अवकाश रहेगा। सोमवार को भी संसद की बैठक नहीं होगी।

 

उधर राज्यसभा में भी शोरशराबे की वजह से प्रश्नकाल नहीं चल पाया। बैठक शुरू होते ही विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का विरोध करते हुए वापस लेने की मांग की। सभापति हामिद अंसारी ने हंगामा थमते न देख बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जब उच्च सदन की बैठक फिर शुरू हुई तो वही नजारा दिखा और विभिन्न दलों के सदस्य एफडीआई मुद्दे पर हंगामा करने लगे।

 

उपसभापति के रहमान खान ने हंगामे के बीच ही आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। हंगामे के बीच ही उन्होंने विशेष उल्लेख के जरिए उठाए जाने वाले मुद्दे सदन के पटल पर रखवाए और सदन की बैठक बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी। शुक्रवार होने के कारण दोनों सदनों में गैर सरकारी कामकाज होना था लेकिन वह भी हंगामे की भेंट चढ़ गया।

 

संसद के दोनों सदनों की बैठक अब 22 दिसंबर को भी होगी। इससे पहले 21 दिसंबर को ही सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जाना था। 22 दिसंबर को होने वाली बैठक में प्रश्नकाल नहीं होगा।
लोकसभा में उपाध्यक्ष करिया मुंडा और राज्यसभा में उपसभापति के रहमान खान ने सोमवार को निचले एवं उच्च सदन में बैठक नहीं होने की शुक्रवार को घोषणा की। (एजेंसी)

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