वॉलमार्ट के लिए लांबिग मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा

राज्यसभा में सोमवार को वालमार्ट द्वारा लॉबिंग (खुद के पक्ष में माहौल बनाने) में धन खर्च किए जाने संबंधी खबरों पर विपक्ष और सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति कर्मियों की पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर सपा के हंगामे के कारण दो बार के स्थगन के बाद बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

नई दिल्‍ली : राज्यसभा में सोमवार को वालमार्ट द्वारा लॉबिंग (खुद के पक्ष में माहौल बनाने) में धन खर्च किए जाने संबंधी खबरों पर विपक्ष और सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति कर्मियों की पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर सपा के हंगामे के कारण दो बार के स्थगन के बाद बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
शून्यकाल में भाजपा, वाम दल, तृणमूल कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, जदयू, अगप, शिवसेना तथा सरकार को बाहर से समर्थन दे रही सपा के सदस्यों ने वालमार्ट द्वारा लाबिंग के लिए धन खर्च करने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से सफाई देने और एफडीआई संबंधी निर्णय पर रोक लगाने की मांग की। भाजपा के रविशंकर प्रसाद ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि आज कई समाचार पत्रों में खबर आयी है कि बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) के लिए लाबिंग के मकसद से 125 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
उन्होंने कहा कि वालमार्ट ने अमेरिकी सीनेट की एक समिति में यह स्वीकार किया है कि उसने भारत में खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के मकसद से लाबिंग के मकसद से वर्ष 2012 में तीस लाख अमेरिकी डालर खर्च किए हैं। प्रसाद द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने के फौरन बाद भाजपा और वाम दल सहित कई विपक्षी सदस्य इस मामले में प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण की मांग करने लगे।
माकपा के पी. राजीव ने कहा कि सरकार को इस मामले में स्वतंत्र जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी भी खबरें आयी हैं कि फेमा कानून में संशोधन से पहले ही वालमार्ट ने भारत में निवेश कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में भी जवाब देना चाहिए।
भाकपा के डी राजा ने कहा कि उनकी पार्टी के सांसद एमपी अच्युतन ने इसी मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। हंगामे के बीच संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने सदन को आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को संबद्ध मंत्री के संज्ञान में लाएंगे। लेकिन उनके इस आश्वासन का कोई असर नहीं हुआ और विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा।
हंगामा थमते नहीं देख कुरियन ने बैठक दोपहर 12 बजकर करीब 25 मिनट पर 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। बैठक फिर शुरू होने पर विपक्षी सदस्य ने प्रधानमंत्री से जवाब मांगते हुए दोबारा हंगामा शुरू कर दिया। इसी बीच सपा के सदस्य सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति और जनजाति के कर्मियों को प्रोन्नति में आरक्षण के विरोध में नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गए। हंगामा थमते नहीं देख कुरियन ने बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
दोपहर दो बजे राज्यसभा की बैठक शुरू होने पर सदन में वही नजारा देखने को मिला। सपा के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गए। भाजपा और वाम दल के सदस्य वालमार्ट मुद्दे को अपने स्थानों पर खड़े होकर उठा रहे थे। हंगामे के बीच ही कुरियन ने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायणसामी से संविधान (117वां संशोधन) विधेयक 2012 चर्चा के लिए रखने को कहा। नारायणसामी ने कहा कि यह विधेयक संसद के मानसून सत्र में उच्च सदन में पेश किया गया था। हंगामे के कारण नारायणसामी की बात आगे सुनी नहीं जा सकी।
कुरियन ने नारेबाजी कर रहे सपा के सदस्यों को अपने स्थानों पर लौटने की अपील की। लेकिन नारेबाजी जारी रही। इस पर उपसभापति ने बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी। (एजेंसी)

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