Trending Photos
नई दिल्ली : पुलिस या न्यायिक हिरासत में रहने वाले व्यक्ति को चुनाव लड़ने से रोकने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को उलटने के उद्देश्य से जन प्रतिनिधित्व कानून में संशोधन करने की सरकार की योजना पर उसे राजनीतिक दलों से बुधवार को समर्थन हासिल हो गया।
सर्वदलीय बैठक में सरकार को संविधान संशोधन संबंधी उसके उस प्रस्ताव पर भी समर्थन हासिल हो गया, जिसके जरिए शीर्ष अदालत के एक फैसले को बेअसर किया जाएगा। इस फैसले में निर्देश दिया गया है कि यदि किसी सांसद और विधायक को किसी आपराधिक मामले में दो साल से अधिक की सजा होती है तो उसे तत्काल अयोग्य करार दिया जाएगा।
महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक राय कायम करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में चार मुद्दों पर चर्चा की गई। प्रस्तावित न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक पर भी चर्चा की गयी। इसमें उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों की नियुक्ति में कालेजियम प्रणाली को बदलने की व्यवस्था है। इसके अलावा एम्स के शिक्षकों के आरक्षण को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश और पटना उच्च न्यायालय के उस फैसले पर भी चर्चा हुई, जिसमें एक दिन के लिए भी गिरफ्तार हुए व्यक्ति को चुनाव में उम्मीदवार बनने से प्रतिबंधित करने की बात है।
राजनीतिक दलों ने सुझाव दिया कि न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक को संसद की स्थायी समिति के विचारार्थ भेजा जाना चाहिए। (एजेंसी)