`अटल, आडवाणी की तारीफ के मायने सियासी नहीं`
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`अटल, आडवाणी की तारीफ के मायने सियासी नहीं`

समाजवादी पार्टी(सपा) के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं-अटल बिहारी वाजपेई और लाल कृष्ण आडवाणी की- तारीफ को भाजपा के प्रति नरमी या संभावित गठजोड़ के तौर पर न देखा जाए।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी(सपा) के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं-अटल बिहारी वाजपेई और लाल कृष्ण आडवाणी की- तारीफ को भाजपा के प्रति नरमी या संभावित गठजोड़ के तौर पर न देखा जाए।
राम गोपाल यादव ने यहां एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि हमारे द्वारा आडवाणी को देश का बड़ा नेता कहा गया तो इसका मतलब यह नहीं कि सपा भाजपा के करीब पहुंच गई। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या यह सच्चाई नहीं है कि आडवाणी देश के बड़े नेता हैं।
यादव ने कहा कि अगर कोई भी बात कही जाती है तो यह देखा जाना चाहिए कि वह किस परिप्रेक्ष्य में कही गई है। भाजपा से भविष्य में हमारा कोई समझौता हो ही नहीं सकता। हमारे भाजपा से राजनीतिक मतभेद हैं। हमारे सिद्घांत अलग हैं।
यादव ने बीते दिनों में दिल्ली में अटल बिहारी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) को वर्तमान समय में केंद्र में सत्तासीन संयुक्त प्रगतिशील गठबधन(संप्रग) से बेहतर बताते हुए प्रधानमंत्री के रूप में अटल की तारीफ की थी।
इसके बाद लोहिया जयंती के मौके पर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने आडवाणी की तारीफ करते हुए कहा था कि आडवाणी देश के बड़े नेता हैं और वह कभी झूठ नहीं बोलते।
मुलायम के बाद राम गोपाल ने कल भी आगरा में आडवाणी की शान में कसीदे पढ़ते हुए उन्हें देश का बड़ा नेता करार दिया था।
राजनीति के जानकार सपा नेताओं द्वारा की जा रही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की इस तारीफ को कांग्रेस पर दबाव बनाने की रणनीति बताते हैं। (एजेंसी)

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