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नई दिल्ली : भारतीय परमाणु उर्जा निगम (एनपीसीआईएल) ने कुडनकुलम परमाणु उर्जा परियोजना (केएनपीपी) की सुरक्षा पर चिंता जताने वाले वैज्ञानिकों के एक समूह को फिर आश्वस्त किया है कि वहां स्थापित सभी उपकरणों की गुणवत्ता की कई चरणों में जांच की गई है।
तमिलनाडु और केरल के मुख्यमंत्रियों को 60 वैज्ञानिकों ने पत्र लिखकर केएनपीपी में इस्तेमाल तत्वों और उपकरणों की गुणवत्ता को लेकर चिंता जताई थी । इन वैज्ञानिकों में से अधिकतर सरकार संचालित अनुसंधान संस्थानों से हैं ।
एनपीसीआईएल ने कहा कि सुरक्षा मानकों की गुणवत्ता को परखने के लिए केएनपीपी में स्थापित कलपुजरें और उपकरणों की कई चरणों में अच्छी तरह रासायनिक, यांत्रिक, रेडियोग्राफी, अल्ट्रासोनिक आदि जांच की गई है और इनमें इन्हें सही साबित और प्रमाणित किया गया है।’’ इसने कहा कि केएनपीपी इकाइयों में इसके संचालन के दौरान रिएक्टर प्रेशर वेसल :आरपीवी: के निरीक्षण के लिए उचित डिजाइन प्रावधान हैं ।
एनपीसीआईएल के कार्यकारी निदेशक नलिनीश नगाइच ने सभी 60 वैज्ञानिकों को अलग अलग लिखे पत्रों में यह स्पष्टीकरण दिया है । इन वैज्ञानिकों ने केएनपीपी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी जो अगले महीने से शुरू होना है ।
उन्होंने कहा कि संचालन के दौरान आरपीवी और भीतरी हिस्सों तथा अन्य तत्वों का समय समय पर निरीक्षण जरूरी नियामक जरूरत है और संयंत्र संचालन का अंदरूनी हिस्सा है ।
नलिनीश नगाइच ने कहा, ‘‘..और तदनुसार स्वचालित तथा रिमोट संचालित निरीक्षण उपकरणों के जरिए जांच करने की उचित व्यवस्था की गई है ।’’ वैज्ञानिकों ने तर्क दिया था कि एक बार रिएक्टर के शुरू हो जाने पर आरपीवी के अंदर लगे घटकों का उच्च विकिरण क्षेत्र की वजह से निरीक्षण संभव नहीं हो पाएगा।
नगाइच ने कहा कि एकीकृत जांच के दौरान खराब पाए गए चार वाल्व पहले ही बदले जा चुके हैं ।
उन्होंने कहा कि गुणवत्ता परीक्षण के लिए तय मानकों के अनुरूप आरपीवी और इसके अंदर लगे घटकों सहित कुडनकुलम संयंत्र के कलपुजरें और उपकरणों की गुणवत्ता एवं प्रदर्शन की जांच.. सामग्री चयन, विनिर्माण तथा स्थापना जैसे विभिन्न चरणों में की गई है।
वैज्ञानिकों ने अपने तर्क में कहा था कि केएनपीपी के संदर्भ में सुरक्षा चिंताएं रूसी अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में जिओ..पोडोस्क के क्रय निदेशक सर्गेई शुतोव की गिरफ्तारी के बाद और बढ़ जाती हैं ।
शुतोव को कलपुजरें के निर्माण के लिए घटिया एवं सस्ता स्टील खरीदने के लिए भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। चिंता उठाने वालों में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस, मुम्बई एवं मद्रास आईआईटी, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च और हरीश चंद्र रिसर्च इंस्टिट्यूट तथा अन्य संस्थानों के वैज्ञानिक शामिल हैं। (एजेंसी)