2जी में नीलामी का विरोध नहीं : जोशी
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2जी में नीलामी का विरोध नहीं : जोशी

भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने गुरुवार को कहा कि वह नीलामी के विरोध में नहीं थे और उन्होंने सरकारी दूरसंचार कंपनियों एमटीएनएल और बीएसएनएल के संदर्भ में अपनी बात कही थी।

नई दिल्ली : वर्ष 2007 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे अपने एक पत्र के विवादों में आने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने गुरुवार को कहा कि वह नीलामी के विरोध में नहीं थे और उन्होंने सरकारी दूरसंचार कंपनियों एमटीएनएल और बीएसएनएल के संदर्भ में अपनी बात कही थी।

 

कांग्रेस ने कल इस पत्र का हवाला देते हुए कहा था कि जब जोशी ने स्पेक्ट्रम की नीलामी के खिलाफ बात कही थी तो उनकी पार्टी इस मामले में विपरीत रुख क्यों अपना रही है। अपने इस पत्र का बचाव करते हुए जोशी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मैं अपने पत्र पर कायम हूं। मैंने तब मीडिया में आई खबरों में जताई गई आशंकाओं के संदर्भ में प्रधानमंत्री को यह पत्र लिखा था। पत्र में मैंने स्पेक्ट्रम की नीलामी का जिक्र एमटीएनएल और बीएसएनएल के हितों के संदर्भ में किया था।’

 

जोशी ने अपने पत्र के अंश पढ़ते हुए कहा, ‘कुछ ऑपरेटरों ने सुझाव दिया था कि स्पेक्ट्रम की नीलामी होनी चाहिए। इसके ये मायने हैं कि इससे जमाखोरी और सांठगांठ हो सकती है जो एमटीएनएल और बीएसएनएल के लिये नुकसानदायक होगी।’ उन्होंने कहा, ‘पत्र में मैंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया था कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और वास्तविक भागीदारों के हितों की रक्षा की जाए। मैंने कहा था कि समान अवसर देती लाइसेंसिंग की नीति के जरिए संभवत: ऐसा किया जा सकता है।’

 

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इन वाक्यों से यह आशय कतई नहीं निकाला जा सकता कि वह स्पेक्ट्रम की नीलामी के खिलाफ थे। उन्होंने सिर्फ एमटीएनएल और बीएसएनएल के हितों की रक्षा करने और निजी कंपनियों की सांठगांठ रोकने के संदर्भ में यह बात कही थी। (एजेंसी)

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