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नई दिल्ली : राजग ने मंगलवार को तय किया कि बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के फैसले के खिलाफ वह ऐसा प्रस्ताव संसद में लाएगा, जिसमें मत विभाजन का प्रावधान हो। तृणमूल कांग्रेस से संबंध खराब न हों, इसलिए उसने अविश्वास प्रस्ताव पर भी अपने विकल्प खुले रखे हैं।
भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की डेढ घंटे चली बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि राजग ऐसा प्रस्ताव लाएगा, जिसमें मत विभाजन का प्रावधान हो। वह मल्टीब्रांड खुदरा एफडीआई के सरकार के फैसले को रदद करने की अपील करेगा और सरकार से आग्रह करेगा कि वह यह फैसला वापस ले।
लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 22 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। एफडीआई के सरकारी फैसले के खिलाफ राष्ट्रव्यापी बंद का समर्थन करने वाले सभी राजनीतिक दलों से राजग ने अपील की कि वे उसके प्रस्ताव का संसद में समर्थन करें।
कांग्रेस की पूर्व सहयोगी तृणमूल ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है। राजग ने तय किया है कि वह इस बारे में सभी राजनीतिक दलों से सलाह मशविरा करेगा।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है और अब समय आ गया है कि यह हटे।
राजग ने कहा कि सरकार ने सात दिसंबर 2011 को संसद में दिए आश्वासन का उल्लंघन किया है। सरकार ने कहा था कि जब तक राजनीतिक दलों और राज्यों के साथ आम सहमति नहीं बन जाती, वह एफडीआई पर फैसले को किनारे ही रखेगी।
बयान में कहा गया कि राजग एफडीआई पर सरकार के फैसले के खिलाफ देशव्यापी बंद का समर्थन करने वाले सभी राजनीतिक दलों से अपील करता है कि वे उसके प्रस्ताव का समर्थन करें।
आज की बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज और अरुण जेटली, पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी, राजग संयोजक शरद यादव, अकाली दल नेता नरेश गुजराल, शिवसेना नेता अनंत गीते, जदयू नेता शिवानंद तिवारी और हरियाणा जनहित पार्टी के नेता कुलदीप बिश्नोई ने हिस्सा लिया।
इससे पहले सुबह आडवाणी के निवास पर ही भाजपा संसदीय दल की कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। (एजेंसी)