SC ने मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्‍ट को किया रद्द
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SC ने मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्‍ट को किया रद्द

सुप्रीम कोर्ट ने एमबीबीएस, बीडीएस और स्नातकोत्तर मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की अधिसूचना को गुरुवार को रद्द कर दिया।

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एमबीबीएस, बीडीएस और स्नातकोत्तर मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की अधिसूचना को गुरुवार को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 2:1 से दिए फैसले में राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा के लिए अधिसूचना को संविधानेतर करार दिया।
शीर्ष अदालत ने हालांकि स्पष्ट किया कि इस फैसले से उन दाखिलों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा जो पहले ही लिये जा चुके हैं। न्यायमूर्ति एआर दवे ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूति अल्तमस कबीर और न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन के फैसले से असहमति जताई। बहुमत के आधार पर दिये गए फैसले में पीठ ने कहा कि एमसीआई को अखिल भारतीय चिकित्सा प्रवेश परीक्षा के बारे में सिफारिश करने का अधिकार नहीं है।
पीठ ने कहा कि एमसीआई की अधिसूचना संविधान के अनुच्छेद 19, 25, 26, 29 और 30 का उल्लंघन है। न्यायमूर्ति एआर दवे ने कहा कि वह प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति कबीर और न्यायमूर्ति सेन के विचारों से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। न्यायमूर्ति दवे ने कहा कि राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा :एनईईटी: आयोजित करना वैध और व्यवहारिक है और समाज की जरूरत है। इसलिए मैंने असहमति व्यक्ति की।
अदालत का यह निर्णय देशभर में स्थित कालेजों में एमबीबीएस और स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में दाखिले के संबंध में एनईईटी के बारे में एमसीआई की अधिसूचना को चुनौती देने वाली 115 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद आया है। 13 मई को अदालत ने पहले ही लिये जा चुके परीक्षा के परिणाम की घोषणा पर लगायी गई रोक को हटा लिया था और कहा था कि दाखिले की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए। पीठ ने इससे पहले इस संबंध में विभिन्न अदालतों में लंबित सभी याचिकाओं को 15 जनवरी तक उसके पास भेजने का निर्देश दिया था। (एजेंसी)

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