US कांग्रेस सांसदों की गुजरात यात्रा पर महाभारत

अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों द्वारा हाल में की गई गुजरात की यात्रा के लिए धन मुहैया कराने को लेकर हुए विवाद के बीच अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें उनकी यात्रा की वैधता पर सवाल उठाए गए थे।

गांधीनगर/वाशिंगटन : अमेरिकी कांग्रेस के सांसदों द्वारा हाल में की गई गुजरात की यात्रा के लिए धन मुहैया कराने को लेकर हुए विवाद के बीच अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें उनकी यात्रा की वैधता पर सवाल उठाए गए थे। अमेरिकी कांग्रेस के इन सदस्यों ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका यात्रा के लिए वीजा दिलाने का प्रयास करने की बात कही थी।
अमेरिकी कांग्रेस के तीन सदस्यों ऐरॉन शॉक, सिंथिया लूमिस और कैथी एम रोजर्स समेत अमेरिकियों के एक समूह और कुछ व्यापारी इन खबरों के बाद विवाद में घिर गए हैं कि इस यात्रा के लिए प्रत्येक सदस्य को तीन हजार डॉलर (1,60,000 रुपए) से 16000 डॉलर (8 लाख 68 हजार रुपए) तक अदा किए होंगे।
शिकागो के नेशनल इंडियन अमेरिकन पब्लिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट (एनआईएपीपीआई) ने यात्रा का आयोजन किया था। इसके तहत बेंगलुरु, तिरुपति, जयपुर, रणथंभौर बाघ अभ्यारण्य, अमृतसर के स्वर्ण मंदिर और बॉलीवुड की यात्रा करनी थी। टीम ने गुरुवार को मोदी से मुलाकात की थी और उनके काम की तारीफ की थी। साथ ही उन्हें अमेरिका आने का न्यौता दिया था। उन्होंने कहा था कि वे उन्हें वीजा दिलाने के लिए काम करेंगे। मालूम हो कि साल 2002 में गुजरात में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों में कथित भूमिका के लिए अमेरिका ने मोदी को वीजा देने से मना कर दिया था।
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, ‘यह शर्मनाक है कि अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों को मोदी के लिए वीजा हासिल करने और मोदी को विकास का प्रमाण पत्र देने के लिए धन का भुगतान किया गया।’ ओवरसीज भाजपा के संयोजक विजय जॉली ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों ने अपना धन खर्च किया और इसमें कुछ भी अनुचित नहीं है।
आरोपों के बारे में पूछे जाने पर शॉक ने पहले प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूछा कि क्या मामला है। फिर शॉक ने कहा, ‘मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि हमारी भारत यात्रा को हमारी सरकार के उचित अधिकारियों ने मंजूरी दी थी और विशेष तौर पर प्रतिनिधि सभा ने। मैं कहूंगा कि अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य ऐसे ही देश से रवाना नहीं हो गए। इसलिए मैं इसके सूक्ष्म भेद में नहीं पड़ने जा रहा। निश्चित तौर पर कुछ लोगों को यह बात रास नहीं आई है कि हम यहां हैं।’ शॉक ने कहा कि उन्होंने इस यात्रा को वैध बनाने के लिए तमाम नियम-कानूनों का पालन किया है।
एनआरआई व्यापारी और एनआईएपीपीआई के संस्थापक शलभ कुमार ने कहा, ‘सदन की बेहद सशक्त आचार समिति है जो कांग्रेस सदस्यों की अन्य देशों की यात्रा को मंजूर या नामंजूर करती है।’ अल्वी ने कहा, ‘इस तरह की खबरों से शर्मिंदगी होती है। यह देश का अपमान है। प्रत्येक अमेरिकी कांग्रेस सदस्य को नौ लाख रुपए दिए गए ताकि अमेरिका उन्हें (मोदी को) वीजा और विकास का प्रमाण पत्र दे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर गुजरात में गरीबों पर और विकास के लिए धन खर्च किया गया होता तो यह ज्यादा बेहतर होता।’ जौली ने कहा कि कोई विवाद नहीं है। अमेरिका में लोग राष्ट्रपति के साथ रात्रि भोज के लिए धन का भुगतान करते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोढवादिया ने आरोप लगाया कि ऐसी धारणा पैदा की गई जैसे यह एक आधिकारिक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल था और अमेरिकी सरकार ने खुद मोदी को अमेरिका आने का न्योता दिया हो। कांग्रेस नेता शकील अहमद ने अपने ट्विट में कहा, ‘मोदी कहते हैं तुम मुझे वीजा दो, मैं तुम्हें व्यापार दूंगा। अमेरिकी कहते हैं तुम हमें व्यापार दो, हम तुम्हें वीजा देंगे। कौन किसको रिश्वत दे रहा है यह लाख टके का सवाल है।’ (एजेंसी)

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