अजित पवार ने सूखे बांधों पर दिया बेतुका बयान, फिर माफी मांगी
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अजित पवार ने सूखे बांधों पर दिया बेतुका बयान, फिर माफी मांगी

राजनीतिज्ञों की ओर से असंवेदनशील और अजीबो-गरीब बयान दिया जाना कोई नई बात नहीं है और इसी क्रम में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार का भी नाम जुड़ गया है। पानी की मांग को लेकर करीब दो महीने से अनशन पर बैठे एक किसान का मजाक उड़ाते हुए अजित ने कहा कि बांध में पानी नहीं है तो क्या पेशाब कर दें। हालांकि, अपने बयान पर बढ़ते विरोध को देखते हुए अजित ने रविवार शाम माफी मांग ली।

पुणे : राजनीतिज्ञों की ओर से असंवेदनशील और अजीबो-गरीब बयान दिया जाना कोई नई बात नहीं है और इसी क्रम में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार का भी नाम जुड़ गया है। पानी की मांग को लेकर करीब दो महीने से अनशन पर बैठे एक किसान का मजाक उड़ाते हुए अजित ने कहा कि बांध में पानी नहीं है तो क्या पेशाब कर दें। हालांकि, अपने बयान पर बढ़ते विरोध को देखते हुए अजित ने रविवार शाम माफी मांग ली।
एक समाचार चैनल के मुताबिक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता ने कहा, ‘सोलापुर का एक किसान 55 दिनों से अनशन पर है। वह बांधों से अपने खेत के लिए पानी छोड़े जाने की मांग कर रहा है। बांधों में पानी नहीं है। हमें क्या करना चाहिए? क्या हमें बांधों में पेशाब कर देना चाहिए? पीने के लिए भी पानी नहीं है इसलिए हम पेशाब भी नहीं कर सकते।’
अजित ने यह बयान शनिवार को पुणे के इंदापुर में एक सभा को संबोधित करते हुए दिया।
वास्तव में राकांपा प्रमुख के भतीजे यही नहीं रुके, उन्होंने बिजली कटौती को लेकर एक और विवादास्पद बयान दे डाला। उन्होंने कहा, ‘मुझे जानकारी हुई है कि महाराष्ट्र में जनसंख्या बढ़ रही है। चूंकि राज्य में बिजली की कमी है तो बिजली के न रहने पर लोग काम क्या करेंगे।’
अजित के इस बयान की भाजपा और शिवसेना ने निंदा की है।
शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘अजीत पवार एक निराश व्यक्ति हैं। उन्हें मंत्रिमंडल में नहीं होना चाहिए।’
भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘यह पूरी तरह से गैरजिम्मेदार बयान है। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। यह जले पर नमक छिड़कने जैसा है।’
वहीं, राकांपा ने अजित पवार का बचाव किया। राकांपा के विधायक जितेंद्र अहवाड़ ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अजित अनौपचारिक तरीके से भीड़ को संबोधित कर रहे थे। बात को सही ढंग से पेश नहीं किया गया। उनके भाषण में चिंता झलकती है।’
हालांकि, बयान पर बढ़ते विरोध को देखते हुए अजित ने रविवार शाम अपने विवादास्पद बयान पर माफी मांग ली। पवार ने कहा कि अगर उनके बयान से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो वे इसके लिए माफी मांगते हैं। उनका बयान सूखे से प्रभावित लोगों को लक्ष्य करके नहीं दिया गया था।

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