उत्तरपूर्वी राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन, भारी तबाही

आकस्मिक बाढ़, भारी भूस्खलन और लगातार बारिश की वजह से सिक्किम में करीब 21 और अरुणाचल प्रदेश में तीन लोगों की मौत हो गई। असम में भी पांच लोगों की मौत की खबर है।

ज़ी न्यूज़ ब्यूरो/एजेंसी
गंगटोक/गुवाहाटी : आकस्मिक बाढ़, भारी भूस्खलन और लगातार बारिश की वजह से सिक्किम में करीब 21 और अरुणाचल प्रदेश में तीन लोगों की मौत हो गई और असम में पांच लोगों की मौत के साथ करीब 7 लाख से अधिक लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गंगटोक में भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जवानों समेत कम से कम 21 लोगों के शव मिले हैं वहीं उत्तरी सिक्किम के सुदूर इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ आने से आठ लोग लापता हो गए हैं। सेना और वायुसेना के जवानों ने बुरी तरह से प्रभावित हुए इलाकों में बचाव कार्य पूरी रफ्तार से शुरू कर दिया है। मृतकों में चार जवान आईटीबीपी के, दो उनके परिजन और बीआरओ के 12 जूनियर अधिकारी शामिल हैं। अन्य मृतकों में श्रमिक थे। लोगों के सर्वाधिक हताहत होने के मामले रंगमा रेंज से आए हैं।
उत्तरी जिले के उपायुक्त टी. डब्ल्यू खांगशेरपा ने कहा कि 19 सितंबर से हो रही मूसलधार बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं हुईं। नौ जगहों पर जमीन खिसकने से चुंगथांग और मंगन के बीच का मुख्य मार्ग बाधित हो गया है। आज मंगन से एक किलोमीटर दूरी पर एक इलाके में भी भूस्खलन हुआ जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग 31-ए पर यातायात अवरुद्ध हो गया तथा इस हिमालयी राज्य का उत्तरी हिस्सा शेष भागों से कट गया है।
असम में 15 जिले बाढ़ के प्रकोप को झेल रहे हैं और हालात बदतर होते जा रहे हैं। डिब्रू-सैखोवा, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और पवित्र वन्यजीव अभयारण्य के बड़े हिस्से बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। गुवाहाटी में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पांच लोगों की मौत की खबर है। पूरे वेग से बह रही ब्रह्मपुत्र और इसकी सहायक नदियों में बढ़ते जल स्तर के कारण डिब्रूगढ़, सोनितपुर, तिनसुकिया, गोलाघाटा, मोरिगांव, धेमाजी, कामरूप (ग्रामीण), लखीमपुर, बकसा, बारपेटा, जोरहट, नलबाड़ी, शिवसागर और उदालगुड़ी जिलों में अनुमान के मुताबिक करीब सात लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इस साल तीसरी बार आई बाढ़ के चलते कल डिब्रूगढ़ जिले में एक महिला समेत दो लोग बह गए। धेमाजी जिले में डेमाव नदी में एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गयी और 13 सितंबर को तिनसुकिया जिले के धोला इलाके में दो अन्य लोग डूब गए।
अरुणाचल प्रदेश और असम में पिछले 15 दिन से लगातार हो रही भारी बारिश से ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां अधिकतर जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं। आवासीय इलाकों और खेतों में भी पानी भर गया है। इटानगर में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के पांच जिलों में बाढ़ के प्रकोप से दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और अधिकतर नदियां आज खतरे के निशान से ऊपर थीं। राज्य में बाढ़ से एक शख्स की मौत हो गई। लोहित जिले के उपायुक्त आर के शर्मा ने कहा कि चार दिन से लोहित नदी के पास फंसे 12 बच्चे सहित 39 लोगों को कल शाम वायु सेना की मदद से बचा लिया गया।
इस बीच संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम तुकी को आश्वासन दिया कि केंद्र जल्दी राज्य में बाढ़ के कारण हुए नुकसान का जायजा लेने के लिहाज से एक दल को भेजेगा। मुख्यमंत्री से कल मुलाकात के दौरान सोनिया ने कहा था कि अरुणाचल में बाढ़ से बदतर हुए हालात को लेकर केंद्र चिंतित है। उन्होंने तुकी को हरसंभव सहायता का आश्वासन भी दिया। ऊपरी असम के माजुली में सभी शिक्षण संस्थानों को कल से अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। इलाके की 70 प्रतिशत से अधिक जमीन बाढ़ के पानी में डूब गई है। जोरहट जिला प्रशासन ने आज शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है।
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के नौ सदस्यीय दल को माजुली के दक्षिणी हिस्सों में फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए भेजा गया है। राज्य के तिनसुकिया जिले के माकुम में राहत कार्य में लगी एक नौका के पलट जाने से तीन बच्चे डूब गये और पांच लोग लापता हैं। नौका पर सेना और एनडीआरएफ के जवान समेत करीब 15 लोग सवार थे। सूत्रों के मुताबिक नाव माकुम के बारेकुरी इलाके में शाम करीब चार बजे बाढ़ के पानी में पलट गयी। लापता लोगों की तलाश में अभियान शुरू कर दिया गया है।

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