उत्तराखंड बाढ़: आईटीबीपी के जवानों ने जीता लोगों का दिल
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उत्तराखंड बाढ़: आईटीबीपी के जवानों ने जीता लोगों का दिल

वर्षा से तबाह उत्तराखंड के ऊपरी क्षेत्रों में फंसे लोगों को मदद पहुंचाने वाले आईटीबीपी के जवानों ने संकट की इस घड़ी में अकुरणीय साहस और प्रतिबद्धता का परिचय देकर लोगों का दिल जीत लिया है।

गौचर (उत्तराखंड) : वर्षा से तबाह उत्तराखंड के ऊपरी क्षेत्रों में फंसे लोगों को मदद पहुंचाने वाले आईटीबीपी के जवानों ने संकट की इस घड़ी में अकुरणीय साहस और प्रतिबद्धता का परिचय देकर लोगों का दिल जीत लिया है।
आटीबीपी के जवान उपरी क्षेत्रों के दुर्गम इलाकों में कठिन परिस्थितियों से जूझ रहे हैं, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद वे प्रतिबद्धता के साथ अपने काम में जुटे हुए हैं। ये जवान राहत कार्य में लगे हेलकाप्टरों के जरिये फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। इन जवानों के साहस और कार्य के प्रति प्रतिबद्धता ने उनके कमांडरों के सीने को भी गर्व से चौड़ा कर दिया है।
आईटीबीपी के सहायक कमांडेंट एके सचान ने कहा कि किसी (आईटीबीपी जवान) ने हमें यह नहीं कहा कि हम नीचे जाना चाहते हैं। जो लोग कमजोर हो गए हैं और बीमार पड़ गए हैं उन्हें प्राथमिकता के आधार पर निकाला जा रहा है। हमें कभी भी अपने जवानों की देखभाल की जररत नहीं पड़ी जिनकी स्थिति वहां फंसे लोगों से बहुत अधिक बहुत बेहतर नहीं है। सचान केदारनाथ और गौरीकुंड में अभियान की नौ दिनों तक निगरानी करने के बाद यहां पर पहुंचे थे। आईटीबीपी ने अब राहत अभियान में लगे अपने जवानों को नीचे ले जाना शुरू कर दिया तथा उनके स्थान पर नयी टुकड़ियों की तैनाती की जा रही है।
केदारनाथ में आठ दिन तक तैनात रहे कान्स्टेबल रत्नेश बोरो ने कहा कि चीजें मुश्किल थीं। मैंने केदारनाथ में शवों के ढेर देखे लेकिन मेरा मानना है कि हमने अपने पूरी शक्ति से कार्य किया। मैंने उस समय भी वृद्धों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जब मैं बुखार में तप रहा था। सैनिक ने बताया कि किस तरह गौरीकुंड में फंसे लोगों में ‘खुशी की लहर दौड़ गई थी जब उन्होंने उनके दल को देखा था। जंगलचट्टी से लौटे सहायक कमांडेंट आरएस नेगी ने कहा कि हम गौर्वांवित महसूस करते हैं जब लोग हमें देवदूत और ऐसे नामों से बुलाते हैं। इससे हम यह महसूस हुआ कि हमें यह स्थान छोड़ने से पहले एक एक व्यक्ति को नीचे ले जाना है।
जवान हालांकि उस घटना से दुखी हैं जिसमें हाल में गौरीकुंड के पास हुई एक हेलीकाप्टर दुर्घटना में 15 जवान मारे गए जिसमें से नौ एनडीआरएफ में प्रतिनियुक्ति पर थे। (एजेंसी)

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