कार्बी आंगलांग राज्य की मांग, असम में हिंसा
Advertisement

कार्बी आंगलांग राज्य की मांग, असम में हिंसा

अलग कार्बी आंगलांग राज्य की मांग को लेकर असम में आज हिंसा भड़क उठी, जिसमें कांग्रेस सांसद एवं विधायक के घरों पर हमले किए गए। भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पड़ीं।

गुवाहाटी/दीफू : अलग कार्बी आंगलांग राज्य की मांग को लेकर असम में आज हिंसा भड़क उठी, जिसमें कांग्रेस सांसद एवं विधायक के घरों पर हमले किए गए। भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पड़ीं।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि तेलंगाना की तर्ज पर अलग राज्य बनाने की मांग करते हुए विभिन्न संगठनों के प्रदर्शनकारियों ने दिफू में कार्बी आंगलांग स्वायत्तशासी परिषद् का घेराव किया और इसके मुख्य दरवाजे को बंद कर दिया। उन्होंने कांग्रेस सांसद बिरेनसिंह इंगती, विधायक बिद्यासिंह इंगलेंग, परिषद् के मुख्य कार्यकारी सदस्य जॉयराम इंगलेंग और इसके कार्यकारी सदस्य तुलीराम रोनघांग के घरों पर पथराव किया और उनकी संपत्ति क्षतिग्रस्त कर दी।

सूत्रों ने कहा कि कार्बी स्टूडेंट्स एसोसिएशन, कार्बी रिसो अदोरबा और अन्य संगठनों के प्रदर्शनकारियों ने इंगलेंग के आवास के द्वार को क्षतिग्रस्त कर दिया और परिसर में कारों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उनके आवास के नजदीक हवा में कई गोलियां चलाईं, लेकिन किसी के जख्मी होने की खबर नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि रोनघांग के आवास पर खड़े ट्रैक्टर एवं कार में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी। विभिन्न संगठनों के नेताओं ने कहा कि उनकी मांग 1951 की है और केंद्र द्वारा तुरंत कोई कदम नहीं उठाने पर उन्होंने आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी।
तेलंगाना मुद्दे के कारण अलग बोडोलैंड और कामतापुर राज्यों की मांग जोर पकड़ने लगी। बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद् (बीटीसी) के प्रमुख और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के अध्यक्ष हगरामा मोहिलारी ने कहा कि बीपीएफ कोकराझार में 4 अगस्त को जन रैली का आयोजन करेगा ताकि बोडोलैंड को लेकर सरकार पर दबाव बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि बीटीसी ने हाल में अपने कार्यकारी परिषद् की बैठक में तेलंगाना की तर्ज पर बोडोलैंड के गठन की मांग की थी। इसके अलावा इसने 17 फरवरी 2010 को अलग राज्य के गठन का प्रस्ताव पास किया था और इसे असम सरकार के पास भेजा था।
राज्य में सत्तारुढ़ दल के साथ गठबंधन में शामिल बीपीएफ के मोहिलारी ने कहा कि प्रतिबंधित बोडोलैंड लिबरेशन टाइगर (बीएलटी), असम और केंद्र सरकारों के बीच समझौते के बाद 2003 में छठी अनुसूची के तहत बीटीसी का गठन हुआ था क्योंकि तब अलग राज्यों के गठन की नीति नहीं थी।
उन्होंने कहा कि लेकिन अब केंद्र की संप्रग सरकार के पास अलग राज्य को लेकर नीति है इसलिए संसद में बोडोलैंड की मांग को तेलंगाना की तर्ज पर रखा जाना चाहिए और इस मुद्दे पर उनके सभी संगठन एकजुट हैं। मोहिलारी ने दावा किया कि बीटीसी की अलग सीमा, विधानसभा, सचिवालय और अपना आधारभूत ढांचा है और इसे राज्य बनाने में कोई समस्या नहीं है। (एजेंसी)

Trending news