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चेन्नई : द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार भारतीय मछुआरों पर श्रीलंकाई सेना के हमले या ईंधन मूल्य वृद्धि जैसे मुद्दों पर राज्य के नेताओं द्वारा दिए गए बयान को गंभीरता से नहीं लेती।
केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में साझीदार डीएमके के नेता ने कहा, `तमिलनाडु के मछुआरों पर अक्सर श्रीलंकाई नौसैनिक हमला करते रहते हैं। राजनीतिक दलों के नेता भर्त्सना करते हुए बयान देते रहते हैं। इसके बावजूद हमला जारी है।`
उन्होंने कहा कि राज्य के नेताओं के बयान का भारत या श्रीलंका की सरकार पर कोई असर होता नहीं दिखाई देता। उन्होंने कहा, `राजनेताओं के बयान हवा में उड़ा दिए जाते हैं।` उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह पट्रो-पदार्थो की बढ़ती कीमतों पर नेताओं के बयान का वही हश्र होता है।
शुक्रवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में की गई वृद्धि की ओर इशारा करते हुए करुणानिधि ने कहा, `तेल कंपनियां मूल्य वृद्धि का समाज के मध्यम वर्ग और गरीब तबके पर पड़ने वाले असर की परवाह नहीं करती हैं।` केंद्र सरकार से तेल कंपनियों से मूल्य वृद्धि पर फैसला लेने का अधिकार वापस लेने की मांग करते हुए डीएमके अध्यक्ष ने वर्तमान वृद्धि वापस लिए जाने पर जोर दिया। (एजेंसी)