छपरा मिड-डे मील: तेल में कीटनाशक पाए जाने की पुष्टि
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छपरा मिड-डे मील: तेल में कीटनाशक पाए जाने की पुष्टि

बिहार के सारण जिला के मशरख प्रखंड में मध्याह्न भोजन मामले में विधि विज्ञान प्रयोगशाला के जांच नमूनों में आर्गेनो फॉसफोरस यौगिक का मोनोक्रोटोफॉस पाए जाने की पुष्टि हुई है।

पटना : बिहार के सारण जिला के मशरख प्रखंड में मध्याह्न भोजन मामले में विधि विज्ञान प्रयोगशाला के जांच नमूनों में आर्गेनो फॉसफोरस यौगिक का मोनोक्रोटोफॉस पाए जाने की पुष्टि हुई है।
अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) रवींद्र कुमार ने आज बताया कि इससे जुडे जांच नमूनों की विधिविज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) में जीएसएमएस उपकरण पर मानक विश्लेषण में आर्गेनो फॉसफोरस यौगिक का मोनोक्रोटोफॉस पाए जाने की पुष्टि हुई है।
उन्होंने कहा कि ये पदार्थ कीटनाशक के रूप में प्रयोग किए जाते हैं, जो मनुष्य और जीवों के लिए अत्यंत विषला होता है। रवींद्र ने कहा कि जांच के क्रम में यह पाया गया कि खाना बनाने वाले तेल में उक्त कीटनाशक का शीर्ष क्षेत्र बाजार मानक नमूनों के सापेक्ष पांच गुना अधिक था।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों द्वारा विज्ञान प्रौद्योगिकी राष्ट्रीय पुस्तकालय के डाटा बेस का इस्तेमाल करते हुए इस केस के नमूनों को बाजार में उपलब्ध हिल्क्रॉन नामक कीटनाशक से जब मिलान किया तो भी जांच नमूनों में मोनोक्रोटोफॉस कीटनाशक की उपस्थिति प्रमाणित हुई है।
रवींद्र ने बताया कि वैज्ञानिक खाना पकाने वाले संदिग्ध विषले माध्यम जिसे स्कूल में प्लास्टिक के डिब्बा में पाया गया था, बर्तनों से संकलित पके खाद्य नमूने और जूठी थाली से संकलित भोजन के नमूने की जांच के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं।
उल्लेखनीय है कि मशरख प्रखंड के धरमसती गंडामन गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में पिछले मंगलवार को विषाक्त मध्याह्न भोजन खाने से 23 बच्चों की मौत हो गयी, जबकि इस हादसे में बीमार पडी स्कूल की रसोईया और 24 अन्य बच्चों का पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज अभी भी जारी है। (एजेंसी)

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