[caption id="attachment_7432" align="alignnone" width="288" caption="महाराष्ट्र एसोएशन आफ रेसीडेंस डॉक्टर"][/caption]
मुंबई. महाराष्ट्र में अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर राज्य भर के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल से जहां मरीज बेहाल हुए तो वहीं गंभीर मरीजों और उनके रिश्तेदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. स्वास्थय सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है.
महाराष्ट्र एसोएशन आफ रेसीडेंस डॉक्टर (मार्ड) ने आगाह किया है कि डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर व्यापक प्रबंध नहीं किए गए तो हड़ताल आगे भी जारी रहेगी. मार्ड ने संकेत दिया है कि हड़ताल धीरे-धीरे प्रदेश के सभी अस्पतालों में फैल सकती है.
डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी सुरक्षा के प्रबंध का लिखित आश्वासन नहीं दिया जाता, हम अपनी हड़ताल वापस नहीं लेंगे. तीन दिन पहले औरंगाबाद के एक अस्पताल में मरीज के रिश्तेदारों ने डॉक्टर की पिटाई की थी. जिसके बाद 178 स्थानीय निवासी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए.
घटना में एक बच्ची साजिया की मृत्यु से नाराज उसके रिश्तेदारों ने अस्पताल में हंगामा मचाया और डॉ. विष्णु धरवाड के साथ मारपीट की. उनका आरोप था कि साजिया की मौत डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हुई है. इस घटना के विरोध में सायन अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए. धीरे-धीरे केईएम, नायर, कस्तूरबा, जेजे, जीटी और सेंटजार्ज अस्पताल के डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हो गए. एहतियातन सभी सरकारी अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
हालांकि स्वास्थ्य मंत्री सुरेश शेट्टी और संबंधित विभाग के अधिकारी हालात संभालने की कोशिशों में हैं. हड़ताल एक दो दिन और आगे बढ़ती है तो मरीजों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं.