दाभोलकर हत्याकांड: पुलिस को अभी भी नहीं मिला कोई सबूत

हालांकि पुलिस का दावा है कि अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाने वाले नरेंद्र दाभोलकर की दिन दहाड़े हुई हत्या के मामले में जांच ‘सही दिशा में’ आगे बढ़ रही है, इसके बावजूद घटना के एक महीने बाद भी पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।

पुणे : हालांकि पुलिस का दावा है कि अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाने वाले नरेंद्र दाभोलकर की दिन दहाड़े हुई हत्या के मामले में जांच ‘सही दिशा में’ आगे बढ़ रही है, इसके बावजूद घटना के एक महीने बाद भी पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। दाभोलकर के समर्थकों ने जांच की गति पर निराशा और गुस्सा व्यक्त करते हुए धरना प्रदर्शन किए और मार्च निकाले। दाभोलकर हत्या मामले के जांच अधिकारी सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) राजेंद्र भामरे ने कहा कि उनका दल आवश्यक सबूत प्राप्त करने की प्रक्रिया में है और जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, पुलिस ने इस मामले में काफी सूचना और आंकड़े एकत्र किए हैं। पुलिस मामला सुलझाने के लिए गठित 19 विशेष दलों से प्राप्त सूचनाओं की मदद से आवश्यक सबूत प्राप्त करने की प्रक्रिया में है।’’ मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों ने 20 अगस्त को शहर के एक पुल के निकट दाभोलकर की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी जब वह सुबह की सैर कर रहे थे।
घटनास्थल के निकट एक इमारत में लगे कैमरे में हत्यारों की तस्वीरें कैद होने की बात कही जा रही है लेकिन सीसीटीवी फुटेज इतनी धुंधली थी कि पुलिस उससे कोई ठोस सबूत प्राप्त नहीं कर पाई थी। इस समय लंदन की प्रयोगशाला में धुंधली वीडियो क्लिप की जांच की जा रही है। पुलिस ने बताया कि लंदन से रिपोर्ट मिलने का इंतजार किया जा रहा है।
पुलिस ने इस मामले में अब तक करीब 2000 हिस्ट्री शीटरों से पूछताछ की है जिनमें से 1000 से अधिक पुणे के हैं। इसके अलावा शहर के बीचों बीच स्थित पुल पर नियमित रूप से सुबह सैर करने आने वाले करीब 400 लोगों से पूछताछ की गई है। इस बीच दाभोलकर की बेटी मुक्ता ने कहा, हमें अब भी पुणे पुलिस पर भरोसा है और हमें नहीं लगता कि अभी सीबीआई से मामले की जांच कराने की मांग करने का समय आया है। पुणे पुलिस इस मामले में जांच के तहत दाभोलकर की मुहिम का विरोध करने वाले संगठन ‘ सनातन संस्था’ के गोवा मुख्यालय गई थी और उसके कार्यकर्ताओं से पूछताछ की थी।
हालांकि पुलिस ने बताया कि पूछताछ से कोई सूचना हाथ नहीं लगी। पुणे पुलिस आयुक्त गुलाबराव पाल ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि अपराधियों ने कोई सबूत नहीं छोड़ा है लेकिन जांचकर्ता मामले को सुलझाने के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त हैं। महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर पाटिल कुछ दिनों पहले दाभोलकर के घर गए थे और उन्होंने पुलिस की जांच के सही दिशा में आगे बढने का भरोसा दिलाया था। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने स्वीकार किया है कि जांच के दौरान अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। (एजेंसी)

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