दो जगह वोटर लिस्‍ट में नाम होने पर जुर्माना
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दो जगह वोटर लिस्‍ट में नाम होने पर जुर्माना

अधिकतर मतदाताओं को शायद मालूम नहीं है कि दो स्थानों पर मतदाता सूची में नाम होने की स्थिति में उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है और उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

लखनऊ : अधिकतर मतदाताओं को शायद मालूम नहीं है कि दो स्थानों पर मतदाता सूची में नाम होने की स्थिति में उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है और उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने इस तथ्य से मतदाताओं को अवगत कराने के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसके तहत उन्हें स्वयं आगे बढ़कर अपना नाम दो स्थानों पर मतदाता सूची में होने की जानकारी देने का अवसर दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने कहा कि इस अभियान को चलाने के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग से अनुमति मिल गई है। जल्द ही इसके लिए तारीख की घोषणा की जाएगी। अभियान की अवधि लगभग दो महीने की होगी। सिन्हा ने कहा कि बहुत से लोग अपने मूल निवास के पते वाली मतदाता सूची में भी नाम दर्ज करा लेते हैं और जहां नौकरी अथवा व्यवसाय करते हैं, वहां की मतदाता सूची में भी दर्ज हो जाते हैं। लेकिन मतदाताओं को यह बात समझनी होगी कि वे मौजूदा समय में जहां निवास कर रहे होंगे, वहीं वे मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की समस्या शहरों में ज्यादा देखने में आती है जहां लोग बहुधा निवास बदलते रहते हैं। नए निवास के पते पर वोटर लिस्ट में दर्ज हो जाते हैं, लेकिन उन्हें पहले वाले पते से अपना नाम हटवाने की सुध नहीं रहती। अधिकारियों के मुताबिक, मतदाताओं की इस लापरवाही से कई तरह की समस्याएं आती हैं और अक्सर मतदान से सम्बंधित आंकड़े सटीक नहीं आ पाते। दो स्थानों पर नाम होने से फर्जी मतदान की संभावना भी बनी रहती है।
प्रस्तावित अभियान के माध्यम से जागरूकता फैलाकर राज्य निर्वाचन आयोग प्रयास करेगा कि दो सूचियों में शामिल मतदाता खुद आगे आकर इसकी जानकारी दें। जो ऐसा नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 51 के तहत दो स्थानों पर मतदाता सूची में नाम होने की स्थिति में सम्बंधित व्यक्ति के खिलाफ निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (सामान्यतया एसडीएम) द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकती है। जुर्माने के साथ-साथ एक वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। (एजेंसी)

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