प. बंगाल: शारदा जैसी 60 और फर्म हैं संचालित
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प. बंगाल: शारदा जैसी 60 और फर्म हैं संचालित

पश्चिम बंगाल में चिटफंड घोटाले का कोहराम मचा देने वाली शरादा ग्रुप कोई अकेली कंपनी नहीं है। ऐसे मामलों के जानकार बताते हैं कि राज्य में कम से कम ऐसी 60 फर्जी फर्म सक्रिय हैं और अनुमान है कि इन फर्मो ने अनगिनत निवेशकों से करीब 10 लाख करोड़ रुपये जमा कराए हैं।

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में चिटफंड घोटाले का कोहराम मचा देने वाली शरादा ग्रुप कोई अकेली कंपनी नहीं है। ऐसे मामलों के जानकार बताते हैं कि राज्य में कम से कम ऐसी 60 फर्जी फर्म सक्रिय हैं और अनुमान है कि इन फर्मो ने अनगिनत निवेशकों से करीब 10 लाख करोड़ रुपये जमा कराए हैं।
इसके अलावा राज्य में आर्थिक हेराफेरी करने वाली छोटी और गैर पंजिकृत फर्मो की संख्या अनगिनत है। ऐसे फर्म मुख्य रूप से उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना, मालदा और बीरभूम जिलों में सक्रिय हैं। शारदा ग्रुप के ढहने के बाद पूरे पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए हैं और निवेश व एजेंट सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारियों ने फर्म के कई कार्यालयों पर हमला किया है। रुपये वापसी की मांग को लेकर एजेंटों और निवेशकों के बीच टकराव की घटनाएं भी घटी हैं। एक एजेंट के आत्महत्या कर लेने की भी अपुष्ट खबर है।
राज्य में ग्रामीण और छोटे शहरों के अधिकांशत: गरीब लोगों ने 25 से 30 प्रतिशत ब्याज की लालच में फंस कर अपनी गाढ़ी कमाई कंपनी में जमा कराई थी। ग्रुप ने निवेशकों के कथित रूप से 17000 करोड़ रुपये दबा लिए। कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व महाप्रबंधक शामिक दासगुप्ता ने कहा कि शारदा जैसी अधिकांश जालसाज कंपनियां सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने के लिए कंपनी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करती हैं। दासगुप्ता ने कहा कि ये कंपनियां चिटफंड नहीं हैं। ये कंपनी अधिनियम 1956 के तहत गठित हुई हैं और कंपनी मामलों के मंत्रालय से निबंधित हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल में शारदा जैसी 60 से ज्यादा कंपनियां सक्रिय हैं। पश्चिम बंगाल उपभोक्ता संघों के फेडरेशन की अध्यक्ष माला बनर्जी ने कहा कि राज्य में गैरपंजीकृत और गैरकानूनी छोटी बड़ी फर्मो की भरमार है।
लोकसभा में पिछले महीने कंपनी मामलों के राज्य मंत्री सचिन पायलट ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि सरकार को पश्चिम बंगाल में शारदा ग्रुप की नौ कंपनियों के अलावा 64 फर्मों के खिलाफ बहुस्तरीय विपणन (एमएलएम) योजना चलाने की शिकायत मिली है। (एजेंसी)

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