फिर शुरू होगा गोरखालैंड आंदोलन!
Advertisement

फिर शुरू होगा गोरखालैंड आंदोलन!

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने 27 मार्च तक पर्वतीय परिषद का गठन न होने पर अलग गोरखालैंड राज्य के लिए आंदोलन फिर से शुरू करने की धमकी दी है।


दार्जिलिंग:  गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने 27 मार्च तक पर्वतीय परिषद का गठन न होने पर अलग गोरखालैंड राज्य के लिए आंदोलन फिर से शुरू करने की धमकी दी है। जीजेएम के अध्यक्ष विमल गुरुंग ने कहा, यदि निर्धारित तिथि तक यह अस्तित्व में नहीं आया तो हम गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) समझौते को भंग कर देंगे। हम 27 अप्रैल से अलग गोरखालैंड राज्य की मांग के लिए आंदोलन शुरू करेंगे।

 

गुरुंग ने जीटीए की स्थापना के लिए 27 मार्च को अंतिम तिथि निर्धारित की है। पिछले वर्ष 18 जुलाई को केंद्र और राज्य सरकार एवं जीजेएम के मध्य हुए त्रिपक्षीय समझौते में निर्वाचित स्वायत्त जीटीए की स्थापना पर सहमति व्यक्त की गई।

 

समझौते के अनुसार जीटीए की सीमा के निर्धारण के लिए अवकाश प्राप्त न्यायाधीश श्यामल सेन कील अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति की अनुशंसाएं छह महीने में मिलनी थीं। लेकिन समिति ने पिछले महीने और छह महीने का समय मांगा था।

 

इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जीजेएम के सचिव रोशन गिरि ने मंगलवार को राज्यपाल एमके नारायणन से मुलाकात कर जीटीए के जल्द गठन का अनुरोध किया। दार्जिलिंग के दौरे पर गए नारायणन ने इस मामले को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के सामने उठाने का आश्वासन गिरि को दिया।

 

श्यामल सेन समिति द्वारा सर्वेक्षण कार्य में हो रही देरी पर रोष जताते हुए जीजेएम के सहायक महासचिव ज्योति रे ने कहा कि यदि समिति ने अपना काम जल्द खत्म नहीं किया तो पहाड़ में स्थितियां बिगड़ जाएंगी। (एजेंसी)

 

Trending news