ममता ने GJM को दिया 72 घंटे का अल्टीमेटम
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ममता ने GJM को दिया 72 घंटे का अल्टीमेटम

दार्जिलिंग पहाड़ियों में सामान्य स्थिति बरकरार रखने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश से लैस पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को जीजेएम को अपना अनिश्चितकालीन बंद वापस लेने के लिए 72 घंटे की समयसीमा दी या फिर कार्रवाई का सामना करने को कहा।

दार्जिलिंग/ कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का सहारा लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अलग गोरखालैंड राज्य की मांग के लिए दार्जिलिंग में जारी बेमियादी बंद को गैर-कानूनी करार देते हुए बंद वापस लेने के लिए 72 घंटे की समयसीमा तय की है ।
हालांकि, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने मुख्यमंत्री के अल्टीमेटम को खारिज कर ‘जनता कर्फ्यू’ लगाने की धमकी दी है।
मुख्यमंत्री ने कोलकाता में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मेरी कुछ संवैधानिक जिम्मेदारियां हैं। बंद को लेकर उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के आदेश हैं।’ ममता ने कहा कि उच्च न्यायालय के हालिया आदेश में राज्य सरकार से कहा गया है कि हिल्स में सामान्य स्थिति बहाल की जाए और इसलिए वह बंद को गैर-कानूनी और असंवैधानिक करार देती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बस अब बहुत हो गया। मैंने आठ दिन तक बर्दाश्त किया। मैं बहुत बेबाक और सख्त (रफ एंड टफ) हूं । मैं बंद वापस लेने के लिए 72 घंटे की मोहलत दे रही हूं। मुझे कड़े कदम उठाने को मजबूर न करें।’
बंगाल के विभाजन से इंकार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल का हिस्सा है। दार्जिलिंग मेरा दिल है। नस्ल के आधार पर राज्य का बंटवारा नहीं हो सकता।’
जीजेएम प्रमुख विमल गुरूंग पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा, ‘मुझे सरकारी जवाबदेही के मुताबिक काम करना होता है। कहीं और बांध कर रखी गयी लंबी पूंछ वाला चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो, उसकी पूंछ काट दी जाएगी।’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह जीजेएम से बातचीत करेंगी, इस पर ममता ने कहा, ‘यदि वे बंद वापस लेते हैं तो बातचीत करने में कोई दिक्कत नहीं है। वे मुख्य सचिव और गृह सचिव से संपर्क कर सकते हैं।’ जीजेएम प्रमुख ने ममता के बयान को धता बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को अपना बयान वापस लेना होगा वरना जनता कर्फ्यू (जिसमें समर्थक सड़कों पर उतरेंगे) लागू किया जाएगा ।
गुरूंग ने दार्जिलिंग में कहा, ‘यदि वह मानती हैं कि अल्टीमेटम जारी कर और तानाशाही दिखा कर वह हमें झुका देंगी तो वह गलत हैं । हम इसके लिए तैयार हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हिल्स के लोग लोकतांत्रिक एवं शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं पर यदि वह बल प्रयोग करती हैं तो हिल्स की जनता करारा जवाब देगी।’ मुख्यमंत्री ने केंद्र पर भी हमला बोलते हुए कहा, ‘मैं केंद्र के कुछ सरकारी संगठनों से भी कह रही हूं कि वे राज्य के मामले में दखल न दें। हमें राज्य में कानून-व्यवस्था, शांति एवं समृद्धि बनाए रखने दीजिए।’
दार्जिलिंग में एक लोकसभा सीट, जिससे भाजपा नेता जसवंत सिंह चुने गए हैं, के बाबत ममता ने चेताया कि किसी को संसदीय सीट को ध्यान में रखकर जीजेएम से समझौता नहीं करना चाहिए।
ममता ने कहा, ‘सिर्फ एक सीट के लिए ऐसा मत करिए । राज्य को तोड़ने की कोशिश मत करिए।’ इस बीच, जीजेएम के एक शीर्ष नेता को आगजनी और हत्या की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि जीजेएम की दार्जिलिंग नगर समिति के अध्यक्ष नारायण प्रधान को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही हिल्स में गिरफ्तारियों की कुल संख्या बढ़कर 149 हो गयी है।
बंद की वजह से जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। समूचे हिल्स में खाद्य सामग्री की कमी की खबरें आ रही हैं। जीजेएम नेता और समर्थक कई इलाकों में इकट्ठा हुए। उन्होंने दार्जिलिंग नगर में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और अलग गोरखालैंड के पक्ष में नारेबाजी की तथा गिरफ्तार किए गए कई नेताओं की गिरफ्तारी की मांग की। (एजेंसी)

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